पटना/नई दिल्ली (शिखर समाचार)
बिहार में लोकतंत्र की सबसे बड़ी बुनियाद को मजबूत करने का अभियान ज़ोर पकड़ चुका है। निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की शुरुआत कर दी है, जिसके तहत हर नागरिक की वोटर पात्रता की जांच की जा रही है। इस महा-योजना का उद्देश्य सिर्फ नाम जोड़ना नहीं, बल्कि हर योग्य भारतीय को मताधिकार सुनिश्चित कराना है।
संविधान की धारा 326 के मुताबिक, 18 वर्ष या उससे ऊपर का हर भारतीय नागरिक जो किसी क्षेत्र का सामान्य निवासी है, वोटर बनने का अधिकारी है। इसी सिद्धांत पर अमल करते हुए आयोग ने पूरे बिहार में अभियान शुरू किया है जिसमें सभी राजनीतिक दलों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है।
क्या हो रहा है इस विशेष पुनरीक्षण के तहत?
निर्वाचन आयोग पहले से तैनात 77,895 बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) के साथ-साथ 20,603 और नए BLOs को नियुक्त कर रहा है ताकि हर बूथ पर निगरानी और सत्यापन की प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के चलती रहे। साथ ही 1 लाख से ज्यादा प्रशिक्षित स्वयंसेवक मैदान में उतर चुके हैं, जो खासतौर से बुजुर्ग, दिव्यांग, बीमार और आर्थिक रूप से कमजोर मतदाताओं की मदद कर रहे हैं।
राजनीतिक दलों ने भी इस कार्य में भागीदारी निभाते हुए अब तक 1,54,977 बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) तैनात किए हैं और अभी और एजेंट्स नियुक्त किए जा सकते हैं।
बिहार की सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 7.89 करोड़ से अधिक मतदाताओं के लिए Enumeration Form (EF)
बिहार की सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 7.89 करोड़ से अधिक मतदाताओं के लिए Enumeration Form (EF) की प्रिंटिंग और घर-घर वितरण शुरू हो चुका है। आयोग ने ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा भी सक्रिय कर दी है, जिससे लोग अपने मोबाइल या कंप्यूटर से भी भागीदारी कर सकें।
इस आंकड़े में से 4.96 करोड़ ऐसे मतदाता हैं, जिनके नाम पहले से ही 01 जनवरी 2003 की मतदाता सूची में दर्ज हैं। इन्हें केवल फॉर्म भरकर अपनी जानकारी को पुनः सत्यापित करना है।
SMS से मिलेगी जानकारी, अधिकारी मैदान में मुस्तैद
आयोग ने बिहार के 5.74 करोड़ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों पर सूचना भेजनी शुरू कर दी है ताकि हर नागरिक को इस अभियान की जानकारी मिल सके। वहीं, सभी जिला अधिकारी और संभागीय आयुक्त BLOs को पूरी तरह इस कार्य में समर्पित कर चुके हैं।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि SIR से जुड़ी सभी गतिविधियां तय समय के अनुसार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही हैं। लक्ष्य है एक भी योग्य नागरिक मतदाता सूची से वंचित न रहे।
इस विशेष अभियान के माध्यम से आयोग न केवल मतदाता सूची को अद्यतन कर रहा है, बल्कि लोकतंत्र की जड़ों को और भी गहराई से मजबूत कर रहा है। बिहार में वोट की ताकत को सशक्त बनाने की यह अभूतपूर्व कवायद अब जन-जन की भागीदारी की प्रतीक्षा में है।