Sharda University में गर्भवती महिलाओं और बच्चों की सेहत पर खास सेमिनार

Rashtriya Shikhar
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Special Seminar on Health of Pregnant Women and Children Held at Sharda University IMAGE CREDIT TO SHARDA UNIVERSITY

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)। नॉलेज पार्क स्थित शारदा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च के रेडियोलॉजी विभाग और सोसायटी ऑफ फीटल मेडिसिन ने बुधवार को एक सेमिनार आयोजित किया। इसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों ने गर्भवती महिलाओं और गर्भ में पल रहे बच्चों की देखभाल के महत्व पर खुलकर चर्चा की।

गर्भस्थ शिशु की सेहत पर फोकस, शारदा यूनिवर्सिटी में फीटल मेडिसिन पर विशेषज्ञों की अहम चर्चा

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डॉक्टरों ने कहा कि गर्भावस्था के समय मां और शिशु दोनों पर लगातार नजर रखना जरूरी है। फीटल मेडिसिन के जरिए गर्भ में पल रहे बच्चे की स्थिति और बीमारियों का शुरुआती स्तर पर ही पता लगाया जा सकता है। अल्ट्रासाउंड और अन्य जांचों से न सिर्फ संभावित खतरे पहचाने जा सकते हैं, बल्कि सही समय पर इलाज शुरू करके मां और बच्चे की जान भी बचाई जा सकती है।

सोसायटी ऑफ फीटल मेडिसिन के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में मां और शिशु दोनों पर ज्यादा खतरा रहता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से ब्लड प्रेशर और अन्य जांचें जरूर करानी चाहिए। उन्होंने बताया कि देश में हर साल हजारों महिलाओं और गर्भ में पल रहे बच्चों की मौत समय पर इलाज न मिलने के कारण हो जाती है।

गांव-गांव तक जागरूकता पहुंचाने की जरूरत, शुरुआती जांच से बचाई जा सकती हैं मां और शिशु की जान

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शारदा अस्पताल के एमएस डॉ. राममूर्ति ने कहा कि भारत में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर अभी भी काफी अधिक है। गर्भधारण के शुरुआती बारह हफ्तों में ही यह पता लगाया जा सकता है कि मां और शिशु में क्या जोखिम है और उसी आधार पर कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं जानकारी की कमी से जांच नहीं करा पातीं, इसलिए गांवों में जागरूकता अभियान चलाना बेहद जरूरी है।

कार्यक्रम में डॉ. निरुपमा गुप्ता, डॉ. शबनम ग्रोवर, डॉ. विशाल गुप्ता, डॉ. अमित गुप्ता, डॉ. सौरव भगत, डॉ. किंजल, डॉ. रुपांशी जैन, डॉ. अजय साहनी, डॉ. सक्षम शर्मा, डॉ. संदीप और डॉ. शुभम पटेल समेत कई विशेषज्ञ मौजूद रहे।

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