जेवर airport के विकास में बाधा डालने के लिए किसान परिवार का अपहरण, पुलिस ने किया गिरोह का पर्दाफाश

राष्ट्रीय शिखर
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Farmers to obstruct development of Jewar airport

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)
जेवर अंतरराष्ट्रीय airport परियोजना को बाधित करने की बड़ी साजिश को गौतमबुद्धनगर पुलिस ने समय रहते विफल कर दिया है। थाना जेवर पुलिस व स्वाट टीम ने संयुक्त अभियान चलाकर किसान परिवार के अपहरण के मामले में संगठित आपराधिक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए अपहृत तीनों सदस्यों को सकुशल बरामद कर लिया है और पांच षड्यंत्रकारियों को गिरफ्तार किया गया है।

हाईकोर्ट के आदेश पर जब पुलिस ने सच्चाई की तहकीकात की

विस्थापन के बाद पुनर्वास के तहत ग्राम रोही निवासी किसान हंसराज और उनका परिवार आरआर साइट में शिफ्ट कर दिया गया था। लेकिन इसके कुछ दिन बाद हंसराज के पुत्र सोनू ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दाखिल की कि उनके माता-पिता और भाई को पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में ले रखा है। हाईकोर्ट के आदेश पर जब पुलिस ने सच्चाई की तहकीकात की, तो जो खुलासा हुआ, वह हैरान कर देने वाला था।

पुलिस ने जांच में पाया कि हंसराज, उनकी पत्नी कमलेश देवी और पुत्र सौरभ को इलाज के बहाने अपहरण कर पहले नोएडा और फिर दिल्ली के मैदानगढ़ी में छुपाकर रखा गया। मास्टरमाइंड कैप्टन पुत्तन सिंह, जो पेशे से पायलट है, ने अपने साथियों प्रमोद, पवन चौधरी, रामादेवी और सरोजबाला के साथ मिलकर इस पूरे षड्यंत्र को अंजाम दिया।

पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर डीसीपी ग्रेटर नोएडा की निगरानी में सात पुलिस टीमें गठित की गईं

पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर डीसीपी ग्रेटर नोएडा की निगरानी में सात पुलिस टीमें गठित की गईं। वैज्ञानिक जांच, सीसीटीवी फुटेज, सर्विलांस और गुप्त सूचनाओं के आधार पर 27 जून को अपहृत किसान परिवार को दयानतपुर के एकांत स्थान से सकुशल बरामद कर लिया गया।

पूछताछ में यह भी सामने आया कि इस अपहरण का उद्देश्य जेवर एयरपोर्ट के विस्थापन कार्य में बाधा डालना, प्रशासन को कठघरे में खड़ा करना और क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम करना था, ताकि दबाव बनाकर आर्थिक लाभ उठाया जा सके।

फिलहाल पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश कर रही है

पकड़े गए आरोपियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। घटना में प्रयुक्त बीएमडब्ल्यू कार भी बरामद कर ली गई है। फिलहाल पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश कर रही है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर न्यायिक कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना न केवल विकास कार्यों में बाधा डालने की गहरी साजिश को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि पुलिस-प्रशासन ऐसे किसी भी प्रयास को कामयाब नहीं होने देगा जो जनहित और राष्ट्रीय परियोजनाओं को नुकसान पहुंचाए।

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