ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)। नॉलेज पार्क स्थित लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सभागार में उस वक्त माहौल जोश और तर्कों से भर उठा, जब मंच पर छात्रों ने देश के ताजा मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। युवा संसद प्रतियोगिता के इस आयोजन ने संस्थान में लोकतंत्र की असली भावना को सजीव कर दिया।
तीखे तर्क और गूंजती तालियां: सुप्रीम कोर्ट, जीएसटी और शिक्षा पर गरमाया मंच
कार्यक्रम में तीन अहम विषयों पर चर्चा हुई सुप्रीम कोर्ट का आवारा कुत्तों पर हालिया फैसला, जीएसटी सुधारों की दिशा और देश में आईआईटी-आईआईएम जैसे संस्थानों की संख्या बढ़ाने की जरूरत। प्रतिभागियों ने इन विषयों पर गंभीरता के साथ अपनी बात रखी और विरोधी पक्ष की दलीलों का तर्कों से जवाब दिया। पूरे आयोजन के दौरान सभागार कई बार तालियों से गूंज उठा।
कार्यक्रम की संयोजक प्रोफेसर काकोली राव ने बताया कि युवा संसद का उद्देश्य छात्रों में वैचारिक जागरूकता बढ़ाना और उन्हें राष्ट्रीय विमर्श से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि आज का युवा सिर्फ भविष्य का नागरिक नहीं, बल्कि वर्तमान का सजग प्रतिनिधि है। उसकी सोच और सक्रियता ही आने वाले भारत की दिशा तय करेगी।
2047 का भारत युवाओं के कंधों पर: संजय सिंह ने छात्रों को दिखाया विकास का मार्ग
ALSO READ:https://rashtriyashikhar.com/factory-act-1948-health-and-safety-training/
मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे वरिष्ठ पत्रकार और वार्ड पार्षद संजय सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की नींव आज के युवाओं के कंधों पर है। उन्होंने कहा कि जब छात्र देश की नीतियों, कानूनों और सामाजिक चुनौतियों को समझेंगे, तभी भारत आत्मनिर्भर और सशक्त राष्ट्र के रूप में खड़ा होगा।
युवा संसद में अभिषेक विजेता और स्नेहा उपविजेता घोषित हुए। निर्णायक मंडल ने दोनों के वक्तृत्व कौशल और विषय पर पकड़ की सराहना की।
राष्ट्रीय सोच और नेतृत्व विकास की ओर कदम: प्रो. राजीव अग्रवाल की सराहना
ALSO READ:https://rashtriyashikhar.com/indirapuram-police-arrest-robber-in-encounter/
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर राजीव अग्रवाल ने कहा कि कंप्यूटर साइंस विभाग द्वारा आयोजित यह पहल विद्यार्थियों को राष्ट्रीय सोच से जोड़ने के साथ-साथ उनमें नेतृत्व क्षमता और संवाद कौशल विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
इस अवसर पर प्रोफेसर पियूष गर्ग, प्रोफेसर ए.एल.एन. राव, प्रोफेसर दीपिका और डॉ. हर्षिता सहित बड़ी संख्या में शिक्षक व छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम ने जहां युवाओं के भीतर आत्मविश्वास जगाया, वहीं उन्हें जिम्मेदार नागरिक के रूप में सोचने की दिशा भी दी। चर्चा, तर्क और जोश से सजे इस आयोजन ने साबित कर दिया कि जब अवसर और मंच सही हो, तो देश का युवा अपनी आवाज़ से लोकतंत्र को और सशक्त बना सकता है।