सस्टेन-ए-थॉन 2025: 24 घंटे का राष्ट्रीय हैकाथॉन शारदा विश्वविद्यालय में सफलतापूर्वक संपन्न

Rashtriya Shikhar
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Sustain-a-thon 2025: The 24-hour national hackathon was successfully concluded at Sharda University IMAGE CREDIT TO SHARDA UNIVERSITY

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, शारदा विश्वविद्यालय के कंप्यूटिंग विज्ञान एवं अभियंत्रण स्कूल ने सस्टेन-ए-थॉन 2025, 24 घंटे का राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिस्पर्धा आयोजित किया। इस कार्यक्रम में पूरे भारत के 14 राज्यों से 76 संस्थानों के 296 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जबकि कुल पंजीकरण 505 रहे।

शारदा विश्वविद्यालय में नवाचार और समर्पण का संगम: कुलपति ने छात्रों के भविष्य की चमकती राहों को किया सम्मानित

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कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए शारदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रदीप कुमार गुप्ता ने प्रतिभागियों के समर्पण और नवीन विचारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि छात्रों के अनुसंधान और तकनीकी नवाचार ही भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। प्रो-उपकुलपति प्रो. (डॉ.) परम नंद ने विश्वविद्यालय की हैकाथॉन परंपरा की सफलता पर प्रकाश डाला, वहीं उपकुलपति प्रो. (डॉ.) सिबाराम खारा ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और शारदा की शैक्षणिक उपलब्धियों को रेखांकित किया।

इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) अजय श्रीराम कुशवाहा ने प्रतिभागी टीमों को बधाई देते हुए सार्वजनिक हित के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं मशीन लर्निंग (178), डिजिटल स्वास्थ्य (136) और कृषि/खाद्य-प्रौद्योगिकी (101) जैसी प्रमुख श्रेणियों में उच्च स्तर की भागीदारी का उल्लेख किया। प्रतियोगिता में पीएसएनए अभियंत्रण एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, तमिलनाडु की टीम विजेता बनकर ₹50,000 की पुरस्कार राशि जीतने में सफल रही। S086 टेकटॉर्नेडो (एसआरएमएस, बरेली) को प्रथम उपविजेता के रूप में ₹30,000 और S182 टीम तेजस (जीआईईटी विश्वविद्यालय, ओडिशा) को द्वितीय उपविजेता के रूप में ₹20,000 की राशि प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त सात विषयगत उत्कृष्टता पुरस्कारों के लिए प्रत्येक को ₹1,000 की राशि दी गई।

पुरस्कारों की बाढ़: कुल ₹4.57 लाख से प्रतिभागियों के सपनों को मिली नई उड़ान

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कुल नकद पुरस्कार ₹1.07 लाख रहे, जबकि अंतिम चरण के प्रतिभागियों और विजेताओं को लगभग ₹3.5 लाख के डिजिटल अनुमति पत्र, तकनीकी क्रेडिट और अन्य उपहार भी प्रदान किए गए। इस प्रकार कुल पुरस्कार राशि और लाभ ₹4.57 लाख के करीब पहुंची।

प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश 138 प्रतिभागियों के साथ शीर्ष पर रहा, इसके बाद हरियाणा, दिल्ली, तमिलनाडु और महाराष्ट्र ने उल्लेखनीय भागीदारी दर्ज की। विशेष रूप से 89 महिला प्रतिभागियों (30 प्रतिशत) की उपस्थिति लिंग समानता की दिशा में सकारात्मक संकेत देती है। डीन प्रो. (डॉ.) गीता गणेशन ने अपने विभागाध्यक्ष डॉ. रजनीश कुमार सिंह और सहयोगियों को सफल आयोजन के लिए बधाई दी तथा कंप्यूटर विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. सुदीप वार्ष्णेय का सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने भविष्य में भी इस तरह के सहयोगात्मक और टीम आधारित आयोजनों की प्रेरणा देने पर बल दिया। सस्टेन-ए-थॉन 2025 ने न केवल तकनीकी प्रतिभा को उजागर किया, बल्कि यह स्पष्ट किया कि भारत के युवा अनुसंधान और नवप्रवर्तन में देश को आगे बढ़ाने में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।

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