नई दिल्ली (शिखर समाचार)। देश में नकली और घटिया गुणवत्ता वाले उर्वरकों की समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार अब पूरी तरह एक्शन में आ गई है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि नकली उर्वरकों, सब्सिडी वाले खाद की कालाबाजारी और जबरन टैगिंग जैसी अवैध गतिविधियों पर सघन अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कृषि देश की आर्थिक रीढ़ है और किसानों को समय पर, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
नकली खाद पर सख्त कार्रवाई के निर्देश, किसानों के हक की होगी पूरी रक्षा
श्री चौहान ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के अंतर्गत नकली अथवा निम्न गुणवत्ता वाले उर्वरक की बिक्री प्रतिबंधित है, जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत आता है। उन्होंने राज्यों से अपेक्षा की है कि वे सुनिश्चित करें कि किसानों को उनके क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में मानक खाद उचित मूल्य पर मिले और साथ ही सब्सिडी वाले खाद का डायवर्जन, अधिक मूल्य वसूली और कालाबाजारी जैसी गतिविधियों पर कठोर निगरानी रखी जाए। खाद निर्माण एवं बिक्री पर नियमित सैंपलिंग और परीक्षण के निर्देश देते हुए मंत्री ने यह भी कहा कि दोषियों के विरुद्ध लाइसेंस रद्दीकरण, प्राथमिकी पंजीकरण और कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके। पारंपरिक उर्वरकों के साथ नैनो या जैव-उत्तेजक उत्पादों की जबरन टैगिंग को अविलंब रोकने का निर्देश भी पत्र में दिया गया है।
किसानों की सुरक्षा को प्राथमिकता, नकली खाद पर राज्य चलाएं सघन अभियान
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श्री चौहान ने कहा कि किसानों और उनके समूहों को निगरानी प्रक्रिया में सम्मिलित किया जाए और नकली व असली उत्पादों की पहचान के लिए उन्हें जागरूक करने हेतु विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि दिशा-निर्देशों के अनुरूप तत्काल एक राज्यव्यापी अभियान प्रारंभ किया जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश का किसान किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या अमानक कृषि इनपुट्स का शिकार न हो। उनका यह भी कहना है कि यदि राज्य सरकारें नियमित निगरानी और ठोस कार्रवाई करती हैं तो यह समस्या स्थायी रूप से खत्म की जा सकती है और इससे किसानों को वास्तविक लाभ मिलेगा। केंद्रीय मंत्री के इस पत्र को किसान हित में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है जिससे नकली खाद के कारोबार पर अब सख्त शिकंजा कसना तय माना जा रहा है।