Yamuna का बढ़ता जलस्तर बना किसानों की मुसीबत, जेवर क्षेत्र में सैकड़ों बीघा फसल पानी में डूबी

Rashtriya Shikhar
3 Min Read
Rising Yamuna water level troubles farmers; hundreds of bighas of crops submerged in water in the Jewar region. IMAGE CREDIT TO REPORTER

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)।
यमुना नदी का उफान अब किसानों की नींद हराम करने लगा है। पिछले कई दिनों से जारी मूसलाधार बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी ने नदी का रौद्र रूप सामने ला दिया है। नतीजतन जेवर क्षेत्र के तकरीबन दस गांवों की सैकड़ों बीघा फसलें जलमग्न होकर बर्बादी की कगार पर पहुंच गई हैं। खेतों में लहलहाती फसलें जहां किसानों की उम्मीद थीं, वहीं अब पानी में डूबकर उनके लिए गहरी चिंता का सबब बन चुकी हैं।

गांवों में पानी का कहर जारी: किसानों की मेहनत डूब रही, राहत की आस टली नहीं

ALSO READ:https://hindi.news18.com/news/uttar-pradesh/ghaziabad-ghaziabad-woman-wrestler-sits-on-dharna-out-side-in-laws-house-makes-serious-allegation-on-husband-9521633.html

झुप्पा, छोटी झुप्पा, कानीगढ़ी, छोटी कानीगढ़ी, शमशम नगर, जेवर खादर, गोविंदगढ़ और पूरन नगर जैसे गांवों में चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। किसानों का कहना है कि हालात ऐसे हैं कि वे दिन-रात खेतों का जायजा लेते रहते हैं, मगर पानी की मार से कुछ भी बचा पाना उनके बस में नहीं है। बारिश थमने का नाम नहीं ले रही और जलस्तर हर घंटे और बढ़ता दिख रहा है।

गांव शमशम नगर निवासी और भारतीय किसान यूनियन (एकता) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुकम चंद शर्मा ने बताया कि रविवार को हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी का असर अब जेवर इलाके में दिख रहा है और संभावना है कि मंगलवार को यमुना और उफान पर पहुंचे। उन्होंने प्रशासन से साफ कहा कि समय रहते किसानों की सुध ली जानी चाहिए और जिनकी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं उन्हें तुरंत मुआवजा दिया जाए, वरना हालात और विकट हो जाएंगे।

तहसील प्रशासन अलर्ट पर: बाढ़ की निगरानी जारी, किसानों में बढ़ता खतरा

ALSO READ:https://rashtriyashikhar.com/soybean-crop-damaged-in-raisen/

उधर तहसील प्रशासन ने भी हालात को देखते हुए बाढ़ चौकियों पर अलर्ट जारी कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है और गांवों की स्थिति की मॉनिटरिंग की जा रही है। हालांकि अभी प्रशासन इसे सामान्य हालात बता रहा है, मगर किसान मानते हैं कि यदि बारिश का दौर इसी तरह जारी रहा तो आने वाले दिनों में स्थिति हाथ से बाहर जा सकती है।

यमुना के बढ़ते जलस्तर ने किसानों के सामने सबसे बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है वे अपनी मेहनत की फसल कैसे बचाएं और परिवार का गुजारा कैसे करें। खेतों में डूबे धान और बाजरे की लहराती बालियां अब किसानों की आंखों में दर्द बनकर तैर रही हैं।

Share This Article
Leave a comment