अक्रा/नई दिल्ली (शिखर समाचार) Prime Minister को अफ्रीकी राष्ट्र घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया गया। इस ऐतिहासिक क्षण पर प्रधानमंत्री ने इसे न सिर्फ व्यक्तिगत सम्मान बल्कि भारत के 140 करोड़ नागरिकों की भावनाओं और संकल्पों का सम्मान बताया। उन्होंने घाना के राष्ट्रपति महामा, वहां की सरकार और जनता का हृदय से आभार प्रकट करते हुए यह सम्मान भारतीय युवाओं की आकांक्षाओं, सांस्कृतिक परंपराओं और भारत-घाना की ऐतिहासिक मित्रता को समर्पित किया।
Prime Minister ने अपने संबोधन में कहा कि यह सम्मान मेरे लिए नहीं बल्कि उन करोड़ों भारतीयों के लिए है!
Prime Minister ने अपने संबोधन में कहा कि यह सम्मान मेरे लिए नहीं, बल्कि उन करोड़ों भारतीयों के लिए है जो विकास, लोकतंत्र और वैश्विक भाईचारे के मूल्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और घाना के बीच संबंध केवल राजनयिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी बेहद मजबूत हैं। दोनों देशों ने समय-समय पर वैश्विक मंचों पर एक-दूसरे के हितों का समर्थन किया है और अब यह सम्मान उस परंपरा को और अधिक मजबूत करता है।
उन्होंने कहा कि यह सम्मान भारत की युवा शक्ति, उसकी नई सोच, नवाचार की भावना और उस परिवर्तनकारी युग का प्रतिनिधित्व करता है जिसकी दिशा भारत ने तय की है। उन्होंने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सम्मान उन मूल्यों को वैश्विक पहचान दिलाने का माध्यम बना है।
INDIA के रिश्तों को अब एक नई ऊंचाई की जरूरत है और यह सम्मान उस साझेदारी
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अफ्रीका और India के रिश्तों को अब एक नई ऊंचाई की जरूरत है और यह सम्मान उस साझेदारी को नई गति देगा। उन्होंने यह भरोसा जताया कि भारत और घाना आने वाले समय में व्यापार, तकनीक, शिक्षा, संस्कृति और वैश्विक सहयोग के हर क्षेत्र में एक नई इबारत लिखेंगे।
घाना सरकार द्वारा प्रदान किया गया यह नागरिक सम्मान वहां की सबसे प्रतिष्ठित मान्यताओं में से एक माना जाता है, जो किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को दुर्लभ अवसरों पर ही दिया जाता है। प्रधानमंत्री को यह सम्मान अफ्रीका के साथ भारत के गहराते रिश्तों और उनके वैश्विक कूटनीतिक नेतृत्व को मान्यता देने के रूप में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री के इस सम्मान को भारतीय कूटनीति की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब भारत ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज बनकर उभर रहा है और अफ्रीकी देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी को नया आयाम दे रहा है। अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सम्मान एक स्मृति नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है भारत को और ऊंचा उठाने की, अपने युवाओं के सपनों को नई उड़ान देने की और विश्व पटल पर भारत की भूमिका को और प्रभावशाली बनाने की।