हापुड़ (शिखर समाचार)। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) एएचपी घटक के अंतर्गत चल रही परियोजनाओं की वास्तविक प्रगति परखने के लिए हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष नितिन गौड़ ने मंगलवार को विभिन्न स्थलों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ प्राधिकरण के प्रभारी सचिव, सहायक अभियंता और अवर अभियंता भी मौजूद रहे।
निर्माण कार्य का निरीक्षण: यूरेका बिल्डर्स के आवासीय परियोजना में प्रगति और चुनौतियाँ
निरीक्षण का पहला पड़ाव ग्राम खेड़ा रहा, जहां निजी विकासकर्ता यूरेका बिल्डर्स द्वारा आवासीय भवनों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। यहां 956 भवनों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिनके लिए कुल छह ब्लॉक (ए से एफ) प्रस्तावित हैं। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि पांच ब्लॉकों में कार्य प्रगति पर है। ब्लॉक ए और बी की भवन संरचना पूरी हो चुकी है, जबकि ब्लॉक सी और डी में फाउंडेशन का कार्य चल रहा था। ब्लॉक ई में नींव खुदाई का कार्य जारी पाया गया।
उपाध्यक्ष नितिन गौड़ ने निर्माण कार्य की सुस्ती पर असंतोष व्यक्त करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि आगामी दिनों में प्रदूषण नियंत्रण के तहत ग्रेप-3 लागू होने से कार्य बाधित हो सकता है, इसलिए पहले से ही कार्ययोजना बनाकर अतिरिक्त मजदूरों की तैनाती की जाए और कार्य को तेजी से पूरा कराया जाए।
हिण्डालपुर परियोजना का निरीक्षण: उपाध्यक्ष का स्पष्ट निर्देश, आवंटियों को शीघ्र कब्जा देने की प्राथमिकता
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इसके बाद उन्होंने ग्राम हिण्डालपुर में प्राधिकरण द्वारा संचालित 264 भवनों की परियोजना का भी निरीक्षण किया। यहां सभी भवनों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, हालांकि आंतरिक और बाह्य विकास कार्य अभी शेष हैं। उपाध्यक्ष ने संबंधित अधिकारियों को चेतावनी भरे निर्देश देते हुए कहा कि बचे हुए कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराया जाए और यदि किसी कार्य की निविदा शेष है तो तत्काल आवश्यक प्रक्रिया अपनाई जाए, ताकि इस कैलेंडर वर्ष में ही पात्र आवंटियों को मकानों का कब्जा सौंपने की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
निरीक्षण के दौरान उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य हर जरूरतमंद परिवार को पक्का घर उपलब्ध कराना है, इसलिए निर्माण कार्य की गुणवत्ता, गति और पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि नियमित समीक्षा और स्थल निरीक्षण से प्रगति पर नजर रखी जाए, ताकि सभी परियोजनाएं निर्धारित समयसीमा में पूरी हो सकें।
