राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पूर्व President V.V. Giri की जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया उनके योगदान को स्मरण

Rashtriya Shikhar
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President Draupadi Murmu Pays Tribute to Former President V.V. Giri on His Birth Anniversary IMAGE CREDIT TO PIB

नई दिल्ली (शिखर समाचार) राष्ट्र निर्माण में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने वाले महान नेता और भारत के चौथे राष्ट्रपति स्वर्गीय वी.वी. गिरि की जयंती पर आज राष्ट्रपति भवन का वातावरण श्रद्धा और स्मरण की भावनाओं से ओत-प्रोत रहा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 10 अगस्त की सुबह राष्ट्रपति भवन प्रांगण में स्थित उनकी प्रतिमा पर सादर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर उन्होंने उनके जीवन संघर्ष, श्रमिक वर्ग के अधिकारों के लिए की गई अटूट लड़ाई और राष्ट्रहित में निभाई गई ऐतिहासिक भूमिका को याद करते हुए कहा कि वी.वी. गिरि का व्यक्तित्व आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है।

वी.वी. गिरि: लोकतंत्र के रक्षक और सामाजिक न्याय के दूरदर्शी राष्ट्रपुरुष की प्रेरक यात्रा

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वी.वी. गिरि जो न केवल एक संवेदनशील राजनीतिज्ञ बल्कि एक दूरदर्शी राष्ट्रपुरुष भी थे, ने अपने कार्यकाल में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और सामाजिक न्याय को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उनका जीवन भारतीय लोकतंत्र की उस यात्रा का प्रतीक है जिसमें साधारण पृष्ठभूमि से उठकर देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचने की प्रेरक कहानी समाहित है। राष्ट्रपति मुर्मु ने इस अवसर पर यह भी रेखांकित किया कि देश को श्रमिक कल्याण, शिक्षा और समान अवसरों के क्षेत्र में उनके योगदान को सदा याद रखना चाहिए।

राष्ट्रपति भवन में वी.वी. गिरि को श्रद्धांजलि, इतिहास के सुनहरे पलों को याद करते हुए भावभीनी सभा

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कार्यक्रम में राष्ट्रपति भवन के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहे, जिन्होंने राष्ट्र के इस गौरवपूर्ण क्षण के साक्षी बनकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। पूरा परिसर उनके सम्मान में सादगी और गरिमा से सुसज्जित था, मानो इतिहास फिर एक बार उन सुनहरे पलों को दोहरा रहा हो जब वी.वी. गिरि ने अपने आदर्शों से भारत की दिशा तय की थी।

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