औरंगाबाद/नई दिल्ली (शिखर समाचार)। महाराष्ट्र के औद्योगिक परिदृश्य को मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए औरंगाबाद इंडस्ट्रियल सिटी (AURIC) में 20,000 वर्गफुट में स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किया जाएगा, जिसे भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के सहयोग से तैयार किया जाएगा। इसका एमओयू अगले सप्ताह प्रस्तावित है, जिसकी पुष्टि डीपीआईआईटी के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने अपने औरंगाबाद दौरे के दौरान की। उन्होंने छत्रपति संभाजीनगर में AURIC सहित कई औद्योगिक क्षेत्रों की प्रगति की समीक्षा की और स्थानीय स्टार्टअप्स व औद्योगिक इकाइयों से गहन संवाद किया।
गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा
सचिव ने AURIC को ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) और अनुसंधान एवं विकास (R&D) गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इससे क्षेत्र की नवाचार क्षमता और औद्योगिक तंत्र को नई दिशा मिलेगी। इस दौरान आयोजित विशेष औद्योगिक संवाद सत्र में MASSIA, CMIA, CII, FICCI और ASSOCHAM सहित प्रमुख औद्योगिक संगठनों ने सचिव के समक्ष भूमि आरक्षण, लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, एमएसएमई और स्टार्टअप्स से जुड़े कई अहम सुझाव रखे।
स्टेकहोल्डरों ने AURIC को बेहतर रूप में उभारने के लिए औरंगाबाद-हैदराबाद-चेन्नई कनेक्टिविटी को सशक्त करने, बिडकिन क्षेत्र में लॉजिस्टिक सुविधा और एमआरओ केंद्र विकसित करने, जलना से वाळूज तक लोकल ट्रेन सेवा शुरू करने, MHADA के जरिए सस्ते आवास और एक रासायनिक उद्योग क्षेत्र विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके साथ ही MSME के लिए भूमि आरक्षण 10% से बढ़ाकर 40% और स्टार्टअप्स हेतु 10% भूमि सुरक्षित रखने की मांग भी प्रमुख रही।
केंद्र सरकार की स्टार्टअप इंडिया को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई
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सचिव भाटिया ने अपने दौरे की शुरुआत मराठवाड़ा एक्सीलेरेटर फॉर ग्रोथ एंड इनक्यूबेशन काउंसिल (MAGIC) में नवाचारशील स्टार्टअप्स और युवा उद्यमियों से मुलाकात कर की। उन्होंने केंद्र सरकार की स्टार्टअप इंडिया, फंड ऑफ फंड्स और क्षेत्रीय प्रोत्साहन योजनाओं का उल्लेख करते हुए टियर-2 और टियर-3 शहरों में नवाचार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई।
इसके बाद सचिव ने बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र में स्थित जेएसडब्ल्यू ग्रीन टेक लिमिटेड, टोयोटा किर्लोस्कर और जल शोधन संयंत्र का निरीक्षण किया। वहीं शेंद्रा क्षेत्र में NLMK इंडिया, हायोसंग टीएंडडी और कोटॉल फिल्म्स जैसी उच्च प्रौद्योगिकी विनिर्माण इकाइयों का दौरा किया और उनके रोजगार सृजन एवं मैन्युफैक्चरिंग में योगदान की सराहना की।
AURIC की स्मार्ट तकनीक से महाराष्ट्र बनेगा ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब
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उन्होंने AURIC की उन्नत अधोसंरचना जैसे इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC), AURIC हॉल, 3D सिटी मॉडल और स्मार्ट वितरण प्रणाली की समीक्षा की। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र को वैश्विक निर्माण व नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार और उद्योगों की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
AURIC परियोजना दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे का हिस्सा है, जिसमें शेंद्रा और बिडकिन दो चरणों में कुल 10,000 एकड़ भूमि पर स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित की जा रही है। 60% भूमि औद्योगिक कार्यों के लिए और 40% आवासीय, व्यावसायिक और शैक्षणिक उपयोग के लिए आरक्षित है। पूरी परियोजना में भूमिगत सेवाओं, स्मार्ट निगरानी, जल पुनर्चक्रण से 42% जल आपूर्ति, तथा रियायती दर पर बिजली जैसी सुविधाएं इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती हैं। पारदर्शी भूमि आवंटन के लिए ई-लैंड मैनेजमेंट प्रणाली को भी लागू किया गया है।