ई-सेवाओं के विस्तार को नया आयाम देने को राज्यों के RTS Commissions संग DARPG की अहम बैठक

Rashtriya Shikhar
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Important Meeting Between DARPG and State RTS Commissions IMAGE CREDIT TO PIB

नई दिल्ली (शिखर समाचार) प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने एनईएसडीए वे फॉरवर्ड के तहत सार्वजनिक सेवा वितरण को और कारगर बनाने के लिए आठ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के आरटीएस आयुक्तों के साथ विशेष बैठक की। इस बैठक की अध्यक्षता विभाग के सचिव वी. श्रीनिवास ने की, जबकि राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) के महानिदेशक डॉ. सुरेंद्रकुमार बागड़े भी मौजूद रहे। चंडीगढ़, पंजाब, उत्तराखंड, मेघालय, असम, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और महाराष्ट्र के प्रतिनिधियों ने इसमें भागीदारी की।

ई-सेवाओं में क्रांति: आरटीएस आयोगों की सक्रियता से बढ़ी पारदर्शिता और प्रभावशीलता

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बैठक में सचिव ने उन राज्यों में ई-सेवाओं की उल्लेखनीय बढ़ोतरी पर चर्चा की, जहां आरटीएस आयोग सक्रिय हैं। उन्होंने बताया कि शिकायतों की रीयल टाइम निगरानी के लिए सीपीजीआरएएमएस पोर्टल को आरटीएस आयोगों की वेबसाइटों से एपीआई लिंकेज के जरिए जोड़ा जा रहा है। इससे राज्य शिकायत अधिकारियों को पारदर्शी और प्रभावी ढंग से काम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत भूमि, श्रम, वित्त और पर्यावरण जैसे चार अहम क्षेत्रों में ई-सेवाओं के विस्तार के लिए आयोग, डीएआरपीजी के साथ मिलकर पहल करेंगे। राज्यों से आग्रह किया गया कि वे अधिसूचित सेवाओं की सूची में इन श्रेणियों को शामिल करने की दिशा में समर्थन दें।

22 हज़ार से अधिक ई-सेवाओं का मूल्यांकन: एनईएसडीए ढांचे में पारदर्शिता और गुणवत्ता की नई पहल

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वर्तमान में देशभर के राज्य और केंद्र शासित प्रदेश 22 हजार से अधिक ई-सेवाएं एनईएसडीए ढांचे के अंतर्गत उपलब्ध करा रहे हैं। इन सेवाओं की गुणवत्ता और उपयोगिता का आकलन करने के लिए एनआईसी द्वारा विकसित एएकेएलएएन बेंचमार्किंग टूल का उपयोग किया जा रहा है। आरटीएस आयोगों की सफल कार्यप्रणालियों को मासिक रिपोर्ट में शामिल कर साझा किया जाता है, वहीं एनसीजीजी इनके सेवा वितरण और शिकायत निवारण पर प्रभाव का विश्लेषण कर रहा है।

डिजिटल भारत की ओर मजबूत कदम: सुशासन और सेवा वितरण के बीच सेतु बना रही है एससीआई पहल

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एनसीजीजी महानिदेशक डॉ. बागड़े ने नौ माह में पूरे होने वाले अध्ययन के दायरे और उद्देश्य को विस्तार से समझाया। महाराष्ट्र के पूर्व आयुक्त स्वाधीन क्षत्रिय ने इस प्रयास को सुशासन और सेवा वितरण के बीच सेतु निर्माण में सहायक बताया। बैठक में आरटीएस आयुक्तों को राज्य सहयोग पहल (एससीआई) के तहत डिजिटल सेवाओं के विस्तार और शिकायत निवारण में सुधार लाने हेतु अपने-अपने प्रस्ताव देने के लिए आमंत्रित किया गया। यह पहल डिजिटल बदलाव और प्रभावी लोक सेवा वितरण की दिशा में भारत सरकार के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जो नागरिकों को अधिक सशक्त और सुशासन को अधिक परिणामकारी बनाने के उद्देश्य से आगे बढ़ाई जा रही है।

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