मेरठ (शिखर समाचार)
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की 11वीं वर्षगांठ पर आज मेरठ की रिजर्व पुलिस लाइन एक अलग ही ऊर्जा और समर्पण से सराबोर नजर आई, जब पुलिस के उच्च अधिकारियों से लेकर जवानों तक सभी ने एकसाथ योगासन करते हुए अनुशासन, स्वास्थ्य और मानसिक शांति का संदेश दिया। इस खास मौके पर मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक भानु भास्कर और मेरठ परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक कलानिधि नैथानी स्वयं योगाभ्यास का नेतृत्व करते हुए उपस्थित रहे। उनके साथ एसएसपी, एसपी समेत अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और सैकड़ों पुलिसकर्मी भी योगाभ्यास में शामिल हुए।
पुलिस लाइन का मैदान सुबह-सुबह सूर्य की किरणों के बीच योग की विभिन्न मुद्राओं
पुलिस लाइन का मैदान सुबह-सुबह सूर्य की किरणों के बीच योग की विभिन्न मुद्राओं से भर उठा। योग प्रशिक्षकों की देखरेख में आयोजित इस सत्र में ताड़ासन, भुजंगासन, अनुलोम-विलोम, कपालभाति, वज्रासन समेत कई प्रभावशाली योग क्रियाएं की गईं, जो न केवल शारीरिक स्फूर्ति बढ़ाने में मददगार होती हैं, बल्कि मानसिक तनाव को भी दूर करती हैं।
एडीजी भानु भास्कर ने अपने संबोधन में कहा कि पुलिस सेवा अत्यंत चुनौतीपूर्ण और मानसिक दबाव वाली होती है, लेकिन यदि हम प्रतिदिन कुछ समय योग को दें तो न केवल शरीर को संतुलित रख सकते हैं बल्कि मन को भी स्थिर और केंद्रित किया जा सकता है। उन्होंने योग को अनुशासन, आत्म-नियंत्रण और मानसिक दृढ़ता का प्रतीक बताया और सभी जवानों से इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की।
डीआईजी कलानिधि नैथानी ने योगाभ्यास के दौरान कहा
डीआईजी कलानिधि नैथानी ने योगाभ्यास के दौरान कहा कि आज की भागदौड़ भरी और तनावयुक्त जीवनशैली में योग एक वरदान है, विशेष रूप से पुलिस विभाग जैसे सेवा क्षेत्र में, जहाँ हर क्षण सजग और सक्रिय रहना होता है। योग न केवल शरीर को ऊर्जा देता है, बल्कि मानसिक रूप से स्थिर और एकाग्र भी करता है, जिससे कार्यकुशलता बढ़ती है।
पूरे योग कार्यक्रम के दौरान उत्साह का माहौल बना रहा। पुलिसकर्मी न केवल योग के विभिन्न आसनों में भाग लेते दिखे बल्कि कई नए प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए यह एक प्रेरणास्रोत बन गया कि कैसे नेतृत्वकर्ता अपने कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर शरीर और मन को मजबूत करने की दिशा में अग्रसर होते हैं।
कार्यक्रम के अंत में पुलिस अधिकारियों द्वारा सभी जवानों को नियमित योगाभ्यास को जीवनशैली में शामिल करने की शपथ दिलाई गई। समापन शांतिपाठ और भारतवर्ष में योग की भूमिका को नमन करते हुए हुआ।