गाजियाबाद (शिखर समाचार)
आईटीएस मोहन नगर गाज़ियाबाद के परिसर में 14 नवंबर को एक ऐतिहासिक पल दर्ज हुआ, जब संस्थान तथा लोकल एआई वेंचर्स के बीच एक महत्त्वपूर्ण सहभागिता समझौता संपन्न हुआ और आईटीएस लोकल एआई अकादमी का औपचारिक उद्घाटन किया गया। यह पहल विद्यार्थियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता, आंकड़ा विश्लेषण और मशीन शिक्षण जैसे उभरते तकनीकी क्षेत्रों में व्यवहारिक प्रशिक्षण और उद्योग से जुड़ा अनुभव दिलाने की दिशा में एक विशिष्ट कदम कही जा रही है।
आईटीएस कार्यक्रम की शुरुआत: मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्रमुख अतिथियों ने जगाई शिक्षा और नवाचार की रोशनी
कार्यक्रम की शुरुआत आईटीएस के उपाध्यक्ष अर्पित चड्ढा, मुख्य अतिथि अनंता ठाकुर, सह संस्थापक एवं मुख्य प्रौद्योगिकी तथा नवाचार अधिकारी अरुण कुमार, सह संस्थापक एवं मुख्य संचालन अधिकारी अमित आनंद, रणनीति तथा तकनीकी नेतृत्व के प्रबंध साझेदार गौतम मुखर्जी, प्रबंध साझेदार अमिताभ राय, प्रबंध साझेदार सतीश राय, शासन तथा साझा उपक्रमों की प्रबंध साझेदार सुजाता मेंगने, निदेशक डॉ. सुनील कुमार पांडेय, स्नातक परिसर की प्रधानाचार्या डॉ. नैंसी शर्मा तथा एमसीए विभाग की संयोजिका प्रो. पूजा धर द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
समूह के चेयरमैन डॉ. आर.पी. चड्ढा ने संदेश में इस सहभागिता को शिक्षा में नवाचार और गुणवत्ता को नई दिशा देने वाला कदम बताया। उपाध्यक्ष अर्पित चड्ढा ने कहा कि आईटीएस की पहचान सदैव उद्योग और शिक्षण जगत के बीच प्रभावी तालमेल को बढ़ावा देने में अग्रसर रही है और यह आयोजन उसी सोच का विस्तार है।
डॉ. सुनील कुमार पांडेय ने बताया: अकादमी बनेगी छात्रों और उद्योग के बीच दक्षता का मजबूत सेतु
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निदेशक डॉ. सुनील कुमार पांडेय ने स्वागत भाषण में बताया कि इस सहभागिता का उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता, आंकड़ा विश्लेषण तथा मशीन शिक्षण जैसे आधुनिक तकनीकी क्षेत्रों में उद्योगाभिमुख पाठ्यक्रम प्रदान करना है, जिससे वे वास्तविक क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप दक्ष बन सकें। उन्होंने कहा कि यह अकादमी शैक्षणिक और औद्योगिक दुनिया के बीच मजबूत सेतु का कार्य करेगी।
स्नातक परिसर की प्रधानाचार्या डॉ. नैंसी शर्मा ने कहा कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों की तकनीकी समझ, नेतृत्व क्षमता तथा भविष्य की चुनौतियों का सामना करने की तैयारी को मजबूत करता है। उन्होंने सभी विशिष्ट अतिथियों के अनुभव को छात्रों के लिए मार्गदर्शन की अमूल्य पूंजी बताया।
अनंता ठाकुर ने कहा: शिक्षा अब सिर्फ ज्ञान नहीं, बल्कि नवाचार और नेतृत्व कौशल विकसित करने का मंच है
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मुख्य अतिथि अनंता ठाकुर ने कहा कि आज शिक्षा केवल जानकारी प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि नव विचार, खोज और नेतृत्व कौशल को विकसित करने की प्रक्रिया बन चुकी है। ऐसे आयोजन विद्यार्थियों को उद्योग के वास्तविक माहौल से रूबरू कराते हैं, जिससे वे वैश्विक स्तर की चुनौतियों को समझकर अपनी योग्यता को निखार पाते हैं।
सह संस्थापक एवं मुख्य प्रौद्योगिकी तथा नवाचार अधिकारी अरुण कुमार ने इस पहल के लिए आईटीएस को बधाई दी और कहा कि यह प्रयास भविष्य के तकनीकी नेतृत्वकर्ताओं को सही दिशा प्रदान करेगा।
गौतम मुखर्जी और सुजाता मेंगने ने बताया: शिक्षा-उद्योग संवाद से विद्यार्थियों और संस्थानों को मिलती है नई दिशा और ऊर्जा
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रणनीति एवं तकनीकी नेतृत्व के प्रबंध साझेदार गौतम मुखर्जी ने कहा कि ऐसे प्रयास न केवल विद्यार्थियों को प्रेरित करते हैं, बल्कि शिक्षण संस्थानों को भी शिक्षा को और अधिक उद्योग उन्मुख बनाने की दिशा में सोचने का अवसर देते हैं।
शासन एवं साझा उपक्रमों की प्रबंध साझेदार सुजाता मेंगने ने कहा कि यह मंच शिक्षा और उद्योग के बीच संवाद और समझ को नई ऊर्जा देता है तथा विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष रूप से उद्योग की आवश्यकताओं, अवसरों और परिवर्तनों से परिचित कराता है।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. पूजा धर ने सधे हुए अंदाज़ में किया और समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। आईटीएस लोकल एआई अकादमी की यह शुरुआत न केवल संस्थान के तकनीकी भविष्य को सुदृढ़ करेगी, बल्कि विद्यार्थियों को रोजगार उन्मुख कौशल और अवसरों के नए आयाम भी प्रदान करेगी।
