ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार) न्याय और जनहित की बुनियादी धारा को और मजबूत करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एवं जनपद गौतमबुद्ध नगर के प्रशासनिक न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का दीप प्रज्ज्वलित कर औपचारिक शुभारंभ किया। जिला न्यायाधीश मलखान सिंह ने पुष्पगुच्छ और पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर सभागार न्यायिक गरिमा और सामाजिक सरोकारों के संगम का साक्षी बना।
लोक अदालत: सुलभ न्याय का स्तंभ और समाज में सौहार्द का सशक्त संदेश
शुभारंभ कार्यक्रम में न्यायमूर्ति ने कहा कि लोक अदालत न्यायपालिका का वह स्तंभ है, जिसके जरिये समाज को सुलभ और त्वरित न्याय मिलता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आपसी समझ और संवाद से सुलझाए गए विवाद समाज में सौहार्द बढ़ाते हैं और न्याय व्यवस्था पर बोझ भी कम होता है। जिला जज ने अपने संबोधन में लोक अदालत की ऐतिहासिक उपलब्धियों और उसकी अहमियत पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह मंच वर्षों से लाखों परिवारों को राहत देता आ रहा है।
लोक अदालत के उद्घाटन के बाद न्यायमूर्ति और जिला जज ने न्यायालय परिसर में लगे जनकल्याणकारी योजनाओं के स्टॉलों का अवलोकन किया। इनमें कौशल विकास केंद्र, स्वास्थ्य शिविर, बैंकिंग सेवाओं के साथ जन-धन योजना, मुद्रा योजना और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी देने वाले स्टॉल प्रमुख रहे। न्यायमूर्ति ने लाभार्थियों से बातचीत कर उन्हें सरकारी योजनाओं से अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सड़क सुरक्षा का प्रभावशाली संदेश
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यहीं नहीं ट्रैफिक पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों को लेकर तैयार किए गए नुक्कड़ नाटक का भी न्यायमूर्ति ने शुभारंभ किया। आमजन को यातायात अनुशासन का संदेश देने वाला यह नाटक उपस्थित लोगों को खूब प्रभावित करता दिखा।
इसके उपरांत न्यायमूर्ति अजीत कुमार और जिला जज मलखान सिंह ने जिला कारागार का स्थलीय निरीक्षण किया। कारागार में वृक्षारोपण कर उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। साथ ही कैदियों के लिए उपलब्ध कराई जा रही शैक्षिक, कौशल प्रशिक्षण और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का जायजा लेते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जेल केवल दंड देने का स्थान न होकर सुधार और पुनर्वास का केंद्र बने।
न्यायमूर्ति का विद्यालय निरीक्षण: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित वातावरण के लिए जोर
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दिनभर की गतिविधियों के क्रम में न्यायमूर्ति ने लुक्सर स्थित अपर प्राइमरी विद्यालय का भी निरीक्षण किया। बच्चों से आत्मीय संवाद करते हुए उन्होंने उनकी पढ़ाई, सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों और भविष्य की आकांक्षाओं की जानकारी ली। विद्यालय की मिड-डे मील योजना, पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब, शौचालय एवं पेयजल व्यवस्था का गहन निरीक्षण करते हुए उन्होंने साफ-सुथरे और सुरक्षित वातावरण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, डिजिटल लर्निंग और विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने की नसीहत दी।
न्यायमूर्ति ने कहा कि विद्यालय समाज की नींव होते हैं और बच्चों को अच्छी शिक्षा तथा आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है।

इस मौके पर अपर जिला जज एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चंद्र मोहन श्रीवास्तव, एडिशनल सीपी अजय कुमार, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. शिवाकांत द्विवेदी, जिला जेल अधीक्षक बृजेश, एडीएम प्रशासन मंगलेश दुबे, डिप्टी कलेक्टर दुर्गेश सिंह, बीएसए राहुल पवार सहित न्यायिक एवं प्रशासनिक अधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।