हापुड़ न्यायालय परिसर और डासना जेल में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

राष्ट्रीय शिखर
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जेल में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

हापुड़ (शिखर समाचार)
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हापुड़ द्वारा आज प्रातः एक दिव्य योग शिविर का आयोजन जनपद न्यायालय परिसर में किया गया, जिसमें न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और न्यायालय कर्मियों ने बढ़-चढ़कर सहभागिता की। यह आयोजन माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देश पर तथा जनपद न्यायाधीश एवं प्राधिकरण अध्यक्ष अजय कुमार द्वितीय के नेतृत्व में संपन्न हुआ।

योग अभ्यास सत्र का संचालन सुप्रसिद्ध योगाचार्य प्रेमपाल शास्त्री प्राचार्य गुरुकुल महाविद्यालय ततारपुर हापुड़ ने किया

योग अभ्यास सत्र का संचालन सुप्रसिद्ध योगाचार्य प्रेमपाल शास्त्री प्राचार्य गुरुकुल महाविद्यालय ततारपुर हापुड़ ने किया। प्रातः 6:30 बजे प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम में विपिन कुमार (अपर जिला जज प्रथम), हनी गोयल (अपर जिला जज एससी/एसटी एक्ट), सौरभ कुमार वर्मा (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) सहित अनेक न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान माननीय जनपद न्यायाधीश ने योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि योग मन, शरीर और आत्मा को संतुलित करता है और व्यक्ति को भीतर से सशक्त बनाता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल शरीर को स्वस्थ रखने का माध्यम नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति का साधन है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हापुड़ द्वारा जिला कारागार डासना गाजियाबाद में भी योग

इसी क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हापुड़ द्वारा जिला कारागार डासना गाजियाबाद में भी योग शिविर का आयोजन किया गया, जहाँ जेल प्रशासन, कर्मचारी एवं बंदियों ने संयुक्त रूप से योगाभ्यास किया। इस विशेष शिविर में बंदियों ने भी एकाग्रता और मानसिक शांति की अनुभूति करते हुए योग के महत्व को समझा।

योग गुरु श्री शास्त्री ने इस वर्ष की थीम “Yoga for One Earth, One Health” की चर्चा करते हुए कहा कि आज के युग में योग न केवल व्यक्तिगत, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य की दिशा में एक सशक्त साधन बन चुका है। उन्होंने प्रतिभागियों को विभिन्न आसनों और प्राणायामों के माध्यम से शरीर और मस्तिष्क के बीच सामंजस्य स्थापित करने का अभ्यास कराया।

इस योग दिवस आयोजन ने न केवल न्यायिक परिसर को ऊर्जा और सकारात्मकता से भर दिया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि स्वास्थ्य, अनुशासन और आत्मिक शांति की ओर पहला कदम योग से ही शुरू होता है।

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