गाजियाबाद (शिखर समाचार) शिक्षा के नए आयाम गढ़ने और विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य से जोड़ने के उद्देश्य से आईटीएस स्कूल ऑफ मैनेजमेंट गाजियाबाद में विशेष अंतरराष्ट्रीय अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। विषय रहा जेनरेशन जेड शिक्षार्थियों को गहन अधिगम हेतु जोड़ना, जिस पर अमेरिका और भारत के ख्यातनाम विद्वानों ने अपने विचार रखे और छात्रों को नवीन शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराया।
दीप प्रज्वलन संग आरंभ हुआ भव्य कार्यक्रम, विश्वस्तरीय हस्तियों की रही गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदा के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर आईटीएस के वाइस चेयरमैन अर्पित चड्ढा, निदेशक (जनसंपर्क) सुरेंद्र सूद, निदेशक डॉ. अजय कुमार, मुख्य अतिथि डॉ. विलियम कोईहलर डीन मार्शल एम. स्लोएन स्कूल ऑफ बिजनेस बोस्टन अमेरिका तथा डॉ. मोहन लाल अग्रवाल प्रधान संपादक इंडो गल्फ टीवी कार्यक्रम बिजनेस इन नेक्स्ट 25 मंच पर उपस्थित रहे।
निदेशक डॉ. अजय कुमार ने स्वागत भाषण में कहा कि वर्तमान समय में जेनरेशन जेड (नवीन पीढ़ी) के छात्रों को पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ नवाचार आधारित अधिगम और आधुनिक डिजिटल उपकरणों का उपयोग करना आवश्यक है। निदेशक (जनसंपर्क) सुरेंद्र सूद ने छात्रों को आत्मप्रेरित होकर ज्ञान अर्जित करने तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के प्रभावी प्रयोग की ओर प्रेरित किया। उपाध्यक्ष अर्पित चड्ढा ने छात्रों के उत्साह की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल वैश्विक दृष्टिकोण का विस्तार करते हैं, बल्कि विद्यार्थियों को भविष्य की प्रतिस्पर्धाओं के लिए भी सशक्त बनाते हैं। चैयरमेन अध्यक्ष डॉ. आर.पी. चड्ढा ने शुभकामनाएं भेजते हुए छात्रों और शिक्षकों को बधाई दी।
वैश्विक दृष्टिकोण और नवाचार के मंत्र से छात्रों को मिला सफलता का मार्गदर्शन
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सत्र का संचालन डॉ. मोहन लाल अग्रवाल ने किया। उन्होंने विद्यार्थियों को वास्तविक जीवन पर आधारित अभ्यास (रियल वर्ल्ड सिमुलेशन), मूल्य आधारित कौशल तथा नवाचारमूलक अधिगम के महत्व से परिचित कराया। डॉ. विलियम कोईहलर ने अपने संबोधन में कहा कि एक सफल पेशेवर बनने के लिए छात्रों में जिज्ञासा (क्यूरोसिटी), अनुभवजन्य अधिगम (एक्सपीरियंशल लर्निंग) और आलोचनात्मक चिंतन (क्रिटिकल थिंकिंग) जैसी क्षमताओं का विकास अनिवार्य है। उन्होंने साथ ही वैश्विक सोच (ग्लोबल थिंकिंग) और भावनात्मक बुद्धिमत्ता (इमोशनल इंटेलिजेंस) को भी आधुनिक पेशेवर जीवन की आधारशिला बताया।
कार्यक्रम के दौरान छात्र, शिक्षक और अतिथि सभी अत्यंत उत्साहित रहे। विद्यार्थियों ने विशेषज्ञों से प्रश्न पूछकर संवाद स्थापित किया और एक सजीव शैक्षणिक वातावरण का अनुभव प्राप्त किया। यह उल्लेखनीय है कि आईटीएस स्कूल ऑफ मैनेजमेंट समय-समय पर विद्यार्थियों के व्यावसायिक कौशल, उद्यमिता विकास और वैश्विक अनुभव के लिए ऐसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की श्रृंखला करता रहता है, जिससे छात्र भविष्य में प्रतिस्पर्धी परिवेश में अपनी सशक्त पहचान बना सकें।