INDIA गठबंधन ने उपराष्ट्रपति पद की जंग में उतारा बड़ा दांव, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी सुदर्शन रेड्डी बने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार

Rashtriya Shikhar
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INDIA alliance makes a big move in the Vice Presidential race, former Supreme Court judge B. Sudarshan Reddy named as the joint opposition candidate IMAGE CREDIT TO B. Sudarshan PROFILE

नई दिल्ली (शिखर समाचार) उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर विपक्षी खेमे ने बड़ा दांव खेला है। भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) ने मंगलवार को पूर्व सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस वार्ता में यह ऐलान करते हुए कहा कि यह चुनाव केवल एक पद के लिए नहीं, बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए लड़ा जा रहा है।

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बी. सुदर्शन रेड्डी का नाम विपक्षी दलों ने पूरी सहमति से आगे बढ़ाया। वे न्यायपालिका में अपनी निष्पक्षता, सामाजिक न्याय की पक्षधरता और संविधान के प्रति गहरी निष्ठा के लिए जाने जाते रहे हैं। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में जज के तौर पर अपनी शुरुआत की, गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे और 2007 से 2011 तक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद पर कार्य किया। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें गोवा का पहला लोकायुक्त नियुक्त किया गया, जहां भी उन्होंने ईमानदार और सख्त प्रशासक की छवि कायम की।

INDIA गठबंधन का मानना है कि राजनीति से अलग पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को उम्मीदवार बनाकर वह यह संदेश देना चाहता है कि संविधान और लोकतांत्रिक संस्थाओं की रक्षा ही उनकी प्राथमिकता है। वहीं सत्ता पक्ष यानी एनडीए ने अपने उम्मीदवार के तौर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल और भाजपा के वरिष्ठ नेता सी.पी. राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है। इस तरह मुकाबला दक्षिण भारत के दो प्रभावशाली चेहरों के बीच होने जा रहा है।

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बी. सुदर्शन रेड्डी 21 अगस्त को औपचारिक तौर पर नामांकन दाखिल करेंगे और 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान होगा। परिणाम भी उसी दिन घोषित होने की संभावना है। संसदीय समीकरणों के लिहाज से एनडीए का पलड़ा फिलहाल भारी दिख रहा है, लेकिन विपक्ष ने इस चुनाव को एक विचारधारा बनाम सत्ता की जंग का रूप देने का पूरा प्रयास किया है।

इस घोषणा के बाद राजनीति में नई हलचल तेज हो गई है। क्षेत्रीय दलों का रुख अब निर्णायक साबित होगा क्योंकि विपक्ष को मजबूती देने या सत्तापक्ष का साथ निभाने का फैसला इन्हीं दलों की ओर से आने वाला है। आने वाले हफ्तों में इस चुनाव की हर हलचल राष्ट्रीय राजनीति की दिशा और विपक्ष की एकजुटता की असली तस्वीर सामने रखेगी।

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