आरव शर्मा
गाजियाबाद (शिखर समाचार)|
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को जन सुनवाई में लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई निजी विकासकर्ता एलआईजी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के फ्लैटों का कब्जा समय पर नहीं दे रहे। मामले की गंभीरता को देखते हुए जीडीए ने तुरंत सख़्त रुख अपनाते हुए प्राधिकरण सचिव की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति गठित कर दी है, जिसका उद्देश्य देरी करने वाले सभी निजी विकासकर्ताओं की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करना है।
अधिकारियों को कड़ा निर्देश: देरी वाले विकासकर्ताओं पर एक सप्ताह में रिपोर्ट, आवंटियों को मिले जल्द राहत
इसी सिलसिले में सचिव राजेश कुमार ने देर शाम अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक कर सभी जोन अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने क्षेत्रों में ऐसे सभी विकासकर्ताओं की सूची तैयार करें जो बिना किसी उचित कारण के कब्जा देने में देरी कर रहे हैं। यह भी साफ निर्देश दिया गया कि एक सप्ताह के भीतर पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए, ताकि पूरे मामले की प्रभावी मॉनिटरिंग कर कार्रवाई को अंतिम रूप दिया जा सके। यह पूरी प्रक्रिया कड़ी निगरानी में रहेगी ताकि आवंटियों को और अधिक प्रतीक्षा न झेलनी पड़े।
सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार किसी भी निजी परियोजना में एलआईजी/ईडब्ल्यूएस श्रेणी के भवनों का समय पर निर्माण और कब्जा देना अनिवार्य है, लेकिन हाल के दिनों में कई बिल्डरों द्वारा कब्जा देने में बढ़ती देरी नियमों के विपरीत पाई गई है, जिससे कमजोर वर्ग के आवंटियों को सीधा नुकसान हो रहा है। इसी वजह से जीडीए ने जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए यह सख़्त कदम उठाया है।

शहर में नियोजित विकास, अवैध निर्माण पर रोक और होमबायर्स के हितों की सुरक्षा के लिए जीडीए लगातार सक्रिय है। प्राधिकरण ने स्पष्ट कर दिया है कि देरी के दोषी पाए जाने पर निजी विकासकर्ताओं के खिलाफ न सिर्फ प्रोजेक्ट अनुमोदन रोकने बल्कि कंप्लीशन सर्टिफिकेट न जारी करने सहित अन्य कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी।
