गाजियाबाद (शिखर समाचार)
तकनीकी शिक्षा के उन्नयन और वैज्ञानिक अनुसंधान की दिशा में एक नया अध्याय तब जुड़ गया, जब अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग कॉलेज के एप्लाइड साइंस एंड ह्यूमैनिटी विभाग में आज दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत हुई। उद्घाटन समारोह का वातावरण वैज्ञानिक सोच, शोध की गंभीरता और अकादमिक आदान-प्रदान के उत्साह से ओतप्रोत रहा।
कॉलेज के निदेशक हेमंत आहूजा तथा प्रथम वर्ष डीन प्रोफेसर एस. एल. कपूर ने अपने प्रेरणादायक वक्तव्यों में एप्लाइड साइंस की तकनीकी नवाचारों में भूमिका को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया। उन्होंने यह रेखांकित किया कि कैसे मौलिक विज्ञान तकनीकी समाधान और उद्योगों की रीढ़ बन चुका है।
सम्मेलन में विशेष आमंत्रित वक्ता सुनील जो आईईटीई और बीईएस के अध्यक्ष होने के साथ-साथ
सम्मेलन में विशेष आमंत्रित वक्ता सुनील जो आईईटीई और बीईएस के अध्यक्ष होने के साथ-साथ मलेशिया की एशिया पैसिफिक ब्रॉडकास्टिंग यूनियन के उपाध्यक्ष भी हैं, उन्होंने वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारतीय टेक्नोलॉजी के फैलाव की तस्वीर को सामने रखा। वहीं मुख्य अतिथि के. के. दीक्षित, सेवानिवृत्त उपआयुक्त (वाणिज्यिक कर विभाग) ने भारत में विज्ञान के व्यवहारिक अनुप्रयोगों और शासन-प्रशासन में तकनीकी नवाचारों की उपयोगिता को विस्तार से रेखांकित किया।
इस अवसर पर सभी विशिष्टजनों की उपस्थिति में सम्मेलन की प्रोसीडिंग का विधिवत विमोचन किया गया। सम्मेलन को वैचारिक ऊँचाई प्रदान करते हुए मुख्य वक्ता डॉ. बृजेश पांडेय, कार्यकारी निदेशक, इंसा (नई दिल्ली) ने मटेरियल साइंस की बदलती परिभाषाओं और उसकी आधुनिक तकनीकी उपयोगिताओं पर गहन विवेचन किया।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोधार्थियों व विशेषज्ञों की सहभागिता
प्रथम दिन के सत्र में डॉ. शिवराज सिंह सीसीएस यूनिवर्सिटी, डॉ. मांगेराम ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी, देहरादून और डॉ. वी. के. सिंह गणित विभाग जीएलए विश्वविद्यालय मथुरा, जैसे प्रतिष्ठित शिक्षाविदों की सहभागिता ने सम्मेलन को बौद्धिक परिपक्वता दी। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोधार्थियों व विशेषज्ञों की सहभागिता ने पहले दिन को उल्लेखनीय सफलता दिलाई।
सम्मेलन का क्रम अगले दिन भी जारी रहेगा, जिसमें विविध विषयों पर शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे और तकनीक तथा विज्ञान के आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विचार-विमर्श का क्रम आगे बढ़ेगा।