गाजियाबाद (शिखर समाचार)
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित मधुबन बापू धाम योजना के अंतर्गत ग्रुप हाउसिंग जीएच-4 स्थित गोल्डन बैरी टावर में 13 सितंबर की रात एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। रात लगभग 8 बजकर 18 मिनट पर अचानक लिफ्ट बंद हो गई, जिसके चलते उसमें दो बच्चे फंस गए। घबराए हुए बच्चों को कुछ देर बाद रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस घटना ने टावर में रहने वाले लोगों में हड़कंप मचा दिया और प्राधिकरण ने मामले का तत्काल संज्ञान लिया।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं: जीडीए ने लिफ्ट हादसे के बाद तुरंत उठाए कड़े कदम
जीडीए के मीडिया प्रभारी रूद्रेश कुमार शुक्ला ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही प्राधिकरण के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरी स्थिति का जायजा लिया। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लिफ्ट का रखरखाव करने वाली फर्म मैसर्स ओमेगा एलीवेटर्स को उसी समय लिफ्ट की मरम्मत कराने के निर्देश दिए गए।
अगले ही दिन संबंधित टेक्नीशियन ने टावर में पहुंचकर लिफ्ट का पूरा निरीक्षण किया। तकनीकी जांच के दौरान लिफ्ट की बेल्ट, ऑटोमैटिक रेस्क्यू डिवाइस और इमरजेंसी बटन में खराबी पाई गई। सभी खराब हिस्सों की मरम्मत कर लिफ्ट को सुचारू रूप से चालू कर दिया गया।
सख्त नोटिस के साथ सुरक्षा पर कड़ा ध्यान: जीडीए ने लिफ्ट रखरखाव फर्म को दी चेतावनी
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उन्होंने बताया कि प्राधिकरण ने लिफ्ट रखरखाव फर्म को सख्त चेतावनी देते हुए नोटिस जारी किया है। नोटिस में यह साफ कर दिया गया है कि भविष्य में इस तरह की कोई भी घटना हुई तो फर्म के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि सभी लिफ्टों का समय-समय पर तकनीकी परीक्षण और सुरक्षा जांच नियमित रूप से हो।
प्राधिकरण ने निवासियों को भरोसा दिलाया है कि उनकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रकार की लापरवाही पर सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि बड़ी टाउनशिप और ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए लिफ्ट जैसी जरूरी सुविधाओं के रखरखाव पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है।