सीसीटीएनएस रैंकिंग में मेरठ परिक्षेत्र की बड़ी छलांग, हापुड़ और बुलंदशहर ने टॉप-10 में बनाई मजबूत जगह

राष्ट्रीय शिखर
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मेरठ परिक्षेत्र की बड़ी छलांग

मेरठ (शिखर समाचार)
तकनीकी दक्षता, पारदर्शिता और अपराधों के डिजिटल प्रबंधन की दिशा में मेरठ परिक्षेत्र के दो जनपदों ने एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय लखनऊ द्वारा जारी मई 2025 माह की सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स) रैंकिंग में जनपद हापुड़ ने प्रदेश स्तर पर तीसरा स्थान, जबकि बुलंदशहर ने नवां स्थान अर्जित किया है। यह प्रदर्शन न सिर्फ दोनों जनपदों की डिजिटल पुलिसिंग की सुदृढ़ता को दर्शाता है, बल्कि परिक्षेत्र स्तर पर निरंतर हो रहे मूल्यांकन व मार्गदर्शन का भी सशक्त प्रमाण है।

पुलिस उप महानिरीक्षक मेरठ परिक्षेत्र कलानिधि नैथानी ने जानकारी देते हुए बताया

इस संबंध में पुलिस उप महानिरीक्षक मेरठ परिक्षेत्र कलानिधि नैथानी ने जानकारी देते हुए बताया कि हर माह सीसीटीएनएस की प्रदेश स्तरीय रैंकिंग 16 निर्धारित मानकों पर आधारित होती है, जिनमें प्रमुख रूप से डेटा सिंक्रोनाइजेशन, अपराध विश्लेषण पोर्टल पर कार्य, शिकायत निस्तारण की स्थिति, गिरफ्तारी व गुमशुदगी से जुड़ी सूचनाओं की फीडिंग शामिल हैं। इन मानकों पर उत्कृष्ट कार्य कर हापुड़ और बुलंदशहर की टीमों ने टॉप-10 में स्थान पक्का किया है।

डीआईजी ने यह भी बताया कि बीते माह परिक्षेत्र के सभी जनपदों

डीआईजी ने यह भी बताया कि बीते माह परिक्षेत्र के सभी जनपदों की सीसीटीएनएस कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा की गई थी, जिसमें अपेक्षित सुधारों के लिए निर्देश दिए गए थे। हापुड़ और बुलंदशहर की टीमों ने उस समीक्षा के आधार पर कार्य करते हुए उल्लेखनीय प्रगति की है। वहीं, जनपद मेरठ का प्रदर्शन संतोषजनक रहा है, जबकि बागपत को एक महत्वपूर्ण पैरामीटर पर फीडिंग अधूरी रहने के चलते अपेक्षित अंक नहीं मिल सके, जिस पर सुधार के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।

इस अवसर पर श्री नैथानी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बुलंदशहर एवं पुलिस अधीक्षक हापुड़ को उनकी टीमों के बेहतरीन कार्य के लिए प्रशंसा पत्र देते हुए अन्य जनपदों को भी प्रेरित किया कि भविष्य में तकनीकी दक्षता के इन मानकों पर शत-प्रतिशत फीडिंग सुनिश्चित करें और राज्य स्तर पर परिक्षेत्र की प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराते रहें। उन्होंने यह भी दोहराया कि आने वाले समय में सीसीटीएनएस रैंकिंग ही नहीं, बल्कि तकनीकी निगरानी के अन्य पैमानों पर भी परिक्षेत्र को अग्रिम पंक्ति में लाने का प्रयास निरंतर जारी

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