गाजियाबाद (शिखर समाचार)। कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न कानून 2013 के सम्बन्ध में एसएमई गुरुकुल फाउंडेशन की टीम लगातार कार्यक्रम का आयोजन कर महिलाओं को जागरुक कर रही है। एसएमई गुरुकुल फाउंडेशन एनजीओ की तरफ से रीचा कंचन ने आंतरिक शिकायत समीती के सदस्यों को गाजियाबाद में कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न कानून 2013 की विस्तृत जानकारी दी। सदस्यों को समझाया गया कि यदि किसी महिला कर्मचारी की यौन उत्पीड़न के संबंध में कोई शिकायत है तो वह घटना घटित होने के तीन माह के अंदर अपनी लिखित शिकायत समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगी। समिति का दायित्व होगा की वह तत्काल इस सम्बन्ध में आवश्यक बैठक बुलाकर प्राप्त शिकायत पत्र मे उल्लिखित बिन्दुओ पर छानबीन करके, उसका समाधान करने का प्रयास करे।
समिति का प्रयास असफल होने पर सख्त कार्रवाई: शिकायतों का समाधान, दंड और अनिवार्य रजिस्ट्रेशन
यदि समिति का प्रयास विफल हो जाता हो तो तत्काल इस शिकायत के सम्बन्ध मे प्रबंधक व प्रबंधन के उच्चाधिकारी को संपर्क करके उसका समाधान का प्रयास कराया जायेगा। यदि समस्या का समाधान नहीं हो तो प्रबंधक व प्रतिष्ठान के उच्चाधिकारी इस सम्बन्ध मे आवश्यक कार्यवाही लागू सेवा शर्तो व स्थायी आदेश के प्राविधानों के अनुसार समुचित कार्यवाही करेगा। यह भी आवश्यक होगा कि इस प्रकार की शिकायतों के निस्तारण तथा बैठकों की वार्षिक विवरण क्षेत्र के जिला अधिकारी के कार्यालय में प्रत्येक वर्ष की 15 जनवरी तक जमा करना अनिवार्य है। अन्यथा कंपनी के ऊपर दंड के भी प्रावधान है और मिनिस्ट्री ऑफ़ महिला एव बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की (SHE BOX PORTAL) पर रजिस्ट्रेशन करवाना एवं शिकायतों के निस्तारण तथा बैठकों की वार्षिक विवरण अपलोड करना अनिवार्य है।