हापुड़/गढ़मुक्तेश्वर (शिखर समाचार) पितृ अमावस्या के पावन मौके पर ब्रजघाट तीर्थ नगरी में श्रद्धालुओं का समुंदर उमड़ पड़ा। दूर-दूर से आए लोग गंगा स्नान कर अपने पितरों को याद करते हुए श्रद्धा में लीन रहे। सुबह होते ही घाट और आसपास के रास्ते श्रद्धालुओं से भर गए, जबकि हाईवे और संपर्क मार्गों पर लंबा जाम लग गया।
ब्रजघाट में उमड़ा आस्था का सैलाब
दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु रेल, बस और निजी वाहनों से ब्रजघाट पहुंचने लगे थे। बीती रात से ही तीर्थस्थल पर आगमन शुरू हो गया था, और स्थानीय धर्मशालाएँ श्रद्धालुओं से पूरी तरह भर गई थीं। जैसे-जैसे सुबह बढ़ी, श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होता गया और हाईवे पर जाम कई किलोमीटर तक फैल गया।
भीड़ और जाम के कारण कई वाहन रुक-रुक कर चले, जिससे आम यात्री और श्रद्धालु दोनों परेशान हुए। विशेष परिस्थितियों में एंबुलेंस और जरूरी वाहन भी जाम में फंस गए, जिन्हें समय पर पहुंचना अनिवार्य था। पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर जाम खुलवाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन भारी भीड़ और सीमित सड़क क्षमता के चलते राहत पहुंचाने में देर हो गई। अधिकारियों ने माना कि यदि पहले से ही भीड़ प्रबंधन और ट्रैफिक व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाता, तो श्रद्धालुओं और यात्रियों को इतनी परेशानी नहीं होती।
ब्रजघाट पर गंगा स्नान और पितृ पूजा: श्रद्धालुओं ने भक्ति और श्रद्धा से भरे अनुष्ठान किए
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ब्रजघाट के घाटों पर श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद अपने पितरों को याद करते हुए पूजा-अर्चना में जुटे रहे। संत और पंडितों द्वारा आयोजित धार्मिक अनुष्ठान और विधियाँ श्रद्धालुओं को भक्ति में डुबोने का माध्यम बनीं। लोग अपने पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हुए घाट पर खड़े रहे और गंगा के पवित्र जल में स्नान कर पुण्य कमाया।
इस पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु ब्रजघाट पहुंचे और गंगा स्नान के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया। सड़क जाम और ट्रैफिक की परेशानियों के बावजूद लोगों का उत्साह और भक्ति भाव कम नहीं हुआ। प्रशासन ने भविष्य में बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता बताई ताकि आने वाले वर्षों में श्रद्धालुओं को इतनी कठिनाई का सामना न करना पड़े।
