हापुड़ (शिखर समाचार) श्री पंचायती गौशाला प्रबंध समिति के चुनावी समर ने नगर में हलचल बढ़ा दी है। अब केवल कनिष्ठ उप-प्रधान पद और 22 सदस्यीय टीम के लिए मतदान होना बाकी है। इस बार मुकाबला दिलचस्प इसलिए है क्योंकि जहां कनिष्ठ उप-प्रधान की कुर्सी के लिए संजीव कुमार और महेंद्र कुमार शर्मा आमने-सामने होंगे, वहीं 22 सीटों पर 27 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाने को तैयार हैं।
निर्विरोध निर्वाचन की कोशिशों के बावजूद बढ़ा चुनावी रोमांच, 22 सदस्यीय टीम के लिए मुकाबला जारी
चुनाव अधिकारी विजय कुमार के अनुसार कुल 30 नामांकन दाखिल किए गए थे, जिनमें से तीन प्रत्याशियों ने अपना पर्चा वापस ले लिया। हालांकि समिति के आठ पदों पर कोई दूसरा उम्मीदवार सामने न आने से निर्विरोध निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। शहर के अनेक प्रतिष्ठित लोगों ने बाकी पदों पर भी सहमति बनाकर निर्विरोध निर्वाचन कराने की कोशिश की, लेकिन बृहस्पतिवार शाम तक वार्ता किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।
अब स्थिति यह है कि 22 सदस्यों की टीम के लिए अजय कुमार सिंहल, पुरुषोत्तम कुमार गर्ग, महेंद्र कुमार, शरद कुमार गर्ग, विनोद कुमार, दिनेश सिंहल, अतुल कंसल, सचिन गुप्ता, मोहित गुप्ता, अरुण कुमार गर्ग, राजीव वर्मा, अविन गोयल, जगदीश प्रसाद, दीपक कुमार गोयल, विरेंद्र कुमार, अरविंद कुमार, विरेंद्र कुमार गर्ग, नवीन कुमार गर्ग, संजीव शर्मा, अंकित कुमार शर्मा, मधुर कंसल, याशी बंसल, प्रदीप कुमार गोयल, नीरज जैन, ऋतिक गर्ग, मोतीलाल और अंकुर कंसल मैदान में हैं। इसी बीच चुनाव अधिकारी ने यह भी जानकारी दी कि मतदान 14 सितंबर को एसएसवी इंटर कॉलेज में संपन्न कराया जाएगा।
ये पद रहे निर्विरोध
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इस चुनाव में कई प्रमुख पदों पर मुकाबले की नौबत नहीं आई। प्रधान पद पर सुरेश कुमार गुप्ता, वरिष्ठ उप-प्रधान पर राजीव गर्ग, मंत्री पद पर सचिन गोयल, वरिष्ठ उपमंत्री पर वैभव गुप्ता, कनिष्ठ मंत्री पर विभोर अग्रवाल, कोषाध्यक्ष पद पर संजीव अग्रवाल, लेखा निरीक्षक पर विपुल अग्रवाल और उप-लेखा निरीक्षक पर अनुज कुमार गर्ग निर्विरोध विजयी घोषित किए गए। दिलचस्प यह रहा कि पर्चा खरीदने के बावजूद विपक्षी गुट इनमें से किसी पद पर उम्मीदवार खड़ा नहीं कर पाया।
नगर में अब सभी की निगाहें कनिष्ठ उप-प्रधान की सीधी भिड़ंत और 22 सदस्यीय टीम के रोचक चुनाव पर टिकी हुई हैं। 14 सितंबर को एसएसवी इंटर कॉलेज के प्रांगण में होने वाला मतदान तय करेगा कि समिति की कमान किन हाथों में होगी।