नई दिल्ली (शिखर समाचार) फिजी गणराज्य के प्रधानमंत्री सिटिवेनी लिगाममादा राबुका ने सोमवार 25 अगस्त को राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने और सामाजिक-आर्थिक विकास से लेकर स्वास्थ्य व क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में साझा भागीदारी को और सशक्त बनाने पर चर्चा की।
राष्ट्रपति मुर्मु ने फिजी यात्रा की यादें ताज़ा कीं, बताया भारत-फिजी रिश्तों में गिरमिटिया समुदाय की अहम भूमिका
राष्ट्रपति मुर्मु ने प्रधानमंत्री राबुका का स्वागत करते हुए पिछले वर्ष अगस्त 2024 में अपनी फिजी यात्रा की स्मृतियों को ताज़ा किया। उन्होंने स्थानीय आदिवासी समुदाय द्वारा किए गए पारंपरिक स्वागत और भारतीय मूल के प्रवासी समाज के साथ हुए संवाद को विशेष रूप से याद किया और कहा कि गिरमिटिया समुदाय न केवल भारत और फिजी के रिश्तों की नींव को मजबूत करता आया है, बल्कि फिजी की बहुसांस्कृतिक पहचान और विविध समाज की आर्थिक प्रगति में भी उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है।
बैठक के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आधुनिक दौर की बहुआयामी साझेदारी के तहत फिजी के विकास का भरोसेमंद साथी है और स्वास्थ्य, प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण तथा जलवायु परिवर्तन जैसी फिजी की प्राथमिकताओं में सहयोग को और गति देगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशांत द्वीपीय देशों के साथ भारत का जुड़ाव लगातार गहराता जा रहा है और फिजी इनमें एक विशेष साझेदार के रूप में उभर रहा है।
फिजी में सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल और आईटीईसी प्रशिक्षण: राष्ट्रपति मुर्मु ने भारत-फिजी सहयोग को बताया मील का पत्थर
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यात्रा के अवसर पर फिजी में सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल स्थापित करने के लिए हुए समझौता ज्ञापन पर राष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे स्वास्थ्य क्षेत्र में दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग का मील का पत्थर बताया। साथ ही, उन्होंने आईटीईसी प्रशिक्षण और भारतीय संस्थानों में फिजी के अधिकारियों की शिक्षा को दीर्घकालिक साझेदारी का अहम आधार बताया।
डिजिटल क्रांति की ओर संकेत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने यूपीआई, जन-धन और आधार जैसी पहलों के माध्यम से वित्तीय समावेशन का नया मॉडल दुनिया के सामने रखा है और इस अनुभव को फिजी के साथ साझा करना भारत के लिए खुशी की बात होगी। दोनों नेताओं ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री राबुका की यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को और नई दिशा देगी और सहयोग के ऐसे रास्ते खोलेगी, जिनसे दोनों देशों के नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।