नोएडा/लखनऊ (शिखर समाचार)
जब प्रशासनिक संवेदनशीलता, निर्णय क्षमता और अनुशासन का मेल होता है तब एक नाम सामने आता है मेधा रूपम। 2014 बैच की तेज़तर्रार IAS अधिकारी ने एक बार फिर अपनी काबिलियत से सबको चौंकाया है। उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में एक नया पन्ना जुड़ चुका है और उस पन्ने की शीर्षक हैं: DM मेधा रूपम।
अब नोएडा की कमान संभालेंगी
हापुड़ और कासगंज जैसे ज़िलों की बागडोर संभालने के बाद, अब उन्हें एक ऐसे जिले की ज़िम्मेदारी दी गई है, जो न केवल NCR की शान है, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के विकास मॉडल का चेहरा भी है गौतमबुद्ध नगर (नोएडा)।
यह कोई साधारण तबादला नहीं है। यह भरोसे की मुहर है। यह प्रशासन के उस विश्वास का विस्तार है, जिसमें नेतृत्व क्षमता और ज़मीनी हकीकत की समझ दोनों एक साथ चलती हैं।
मेधा रूपम से बेहतर प्रशासन की आस
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हापुड़ में कानून व्यवस्था को संतुलित रखने की बात हो या कासगंज में जनहित की योजनाओं को ज़मीन पर उतारने की हर मोर्चे पर मेधा रूपम ने यह साबित किया कि वे सिर्फ़ एक अधिकारी नहीं, बल्कि जन सरोकार की प्रतिनिधि हैं।
अब जब नोएडा जैसी हाई-प्रोफाइल और रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण ज़िले की कमान उनके हाथों में आई है, तो सवाल नहीं, उम्मीदें उठी हैं और यह विश्वास है कि यह जिलाधिकारी के रूप में लगातार तीसरी पारी है। अब तक की सबसे असरदार होगी।