Mining Affected Areas के सतत विकास में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्यों को मिला सम्मान

Rashtriya Shikhar
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Pradhan Mantri Mine Area Welfare Scheme

नई दिल्ली (शिखर समाचार) Central Government द्वारा खनन प्रभावित जिलों के कल्याण के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री खान क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) 2024 के अंतर्गत आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में विभिन्न राज्यों ने अपनी उल्लेखनीय उपलब्धियों के दम पर पहचान बनाई। गोवा सहित अनेक राज्यों को संशोधित डीएमएफ (जिला खनिज फाउंडेशन) नियमों को अपनाकर पीएमकेकेकेवाई के नवीन दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए सम्मानित किया गया।

यह सम्मान इन राज्यों द्वारा खनिज क्षेत्र से प्राप्त निधियों के विवेकपूर्ण उपयोग

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वहीं दूसरी ओर तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तराखंड, गुजरात और छत्तीसगढ़ को वार्षिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत करने, कार्यों में पारदर्शिता बनाए रखने और जवाबदेही सुनिश्चित करने जैसे मापदंडों पर श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए विशेष प्रशंसा प्रदान की गई। यह सम्मान इन राज्यों द्वारा खनिज क्षेत्र से प्राप्त निधियों के विवेकपूर्ण उपयोग और लाभार्थी समुदाय तक योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का प्रमाण है।

इस कार्यशाला के दौरान न केवल उपलब्धियों की समीक्षा की गई, बल्कि सभी जिलों और राज्यों के लिए एक समन्वित और केंद्रित कार्ययोजना भी तैयार की गई। इस कार्ययोजना का उद्देश्य पीएमकेकेकेवाई 2024 के दिशा-निर्देशों को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करना है ताकि खनन प्रभावित समुदायों को समावेशी, टिकाऊ और दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित किया जा सके।

क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी ने हैंडलूम हाट जनपथ में डीएमएफ प्रदर्शनी का

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कार्यशाला से पूर्व Central पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी ने हैंडलूम हाट जनपथ में डीएमएफ प्रदर्शनी का भव्य उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे और खान मंत्रालय के सचिव वी. एल. कांता राव भी उनके साथ मौजूद रहे।

तीनों वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रदर्शनी में लगे विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया और खनन प्रभावित क्षेत्रों के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं और कारीगरों से संवाद किया। प्रदर्शनी में डीएमएफ निधि से समर्थित उत्पादों, शिल्पों, हस्तकला और स्थानीय उद्यमों को प्रस्तुत किया गया है, जिससे इन क्षेत्रों की सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक विविधता को उजागर किया जा रहा है।

यह प्रदर्शनी 15 जुलाई 2025 तक चलेगी और

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यह प्रदर्शनी 15 जुलाई 2025 तक चलेगी और इसका उद्देश्य खनन प्रभावित क्षेत्रों के उद्यमियों और स्व-सहायता समूहों को एक बड़ा मंच प्रदान करना है, जहाँ वे न केवल अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर सकते हैं बल्कि खरीदारों, नीति-निर्माताओं और व्यापक दर्शकों से सीधे जुड़ भी सकते हैं।

यह कार्यशाला और प्रदर्शनी, दोनों ही, Central Government के उस व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा हैं, जिसके तहत खनिज संसाधनों से प्राप्त राजस्व का उपयोग केवल बुनियादी ढांचे के निर्माण तक सीमित न रहकर, समुदाय-आधारित, समावेशी और टिकाऊ विकास की दिशा में किया जा रहा है। इससे न केवल पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि खनन प्रभावित लोगों का जीवनस्तर वास्तव में बेहतर हो सके।

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