गुलधर व दुहाई NAMO BHARAT स्टेशनों पर ई-मोबिलिटी को नई उड़ान, हाई-स्पीड ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन शुरू

राष्ट्रीय शिखर
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E-mobility gets a new flight at Namo Bharat stations

गाजियाबाद (शिखर समाचार)
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच संचालित हो रहे अत्याधुनिक NAMO BHARAT कॉरिडोर में अब ई-मोबिलिटी को भी तेज़ रफ्तार मिल गई है। एनसीआरटीसी ने यात्रियों की लास्ट माइल कनेक्टिविटी को हरित और स्मार्ट बनाने के उद्देश्य से गुलधर और दुहाई नमो भारत स्टेशनों पर फास्ट ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर दिए हैं। इसके साथ ही अब इस कॉरिडोर के तीन प्रमुख स्टेशनों साहिबाबाद, गुलधर और दुहाई पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध हो गई है, जिससे न केवल यात्रियों को लाभ होगा बल्कि पूरे क्षेत्र में ई-वाहन अपनाने की दिशा में एक सकारात्मक माहौल तैयार होगा।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने जानकारी देते हुए बताया कि एनसीआरटीसी द्वारा स्थापित

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने जानकारी देते हुए बताया कि NCRTC द्वारा स्थापित ये चार्जिंग स्टेशन तकनीकी रूप से अत्यंत उन्नत हैं। हर चार्जिंग स्टेशन पर 50 किलोवाट की हाई-वोल्टेज डीसी चार्जिंग यूनिट लगाई गई है, जो इलेक्ट्रिक कारों को केवल 30 मिनट में 80 प्रतिशत तक चार्ज करने में सक्षम है। यह सुविधा खासतौर से उन यात्रियों और वाहन चालकों के लिए वरदान है जो कम समय में फास्ट चार्जिंग की तलाश में रहते हैं। गुलधर स्टेशन पर एक वाहन को एक बार में चार्ज किया जा सकता है, जबकि दुहाई स्टेशन पर दो वाहनों की एकसाथ चार्जिंग की सुविधा मौजूद है, जिससे स्टेशनों पर ट्रैफिक मैनेजमेंट भी बेहतर होगा।

इन स्टेशनों की पूरी चार्जिंग प्रक्रिया डिजिटल प्लेटफॉर्म ElectreeFi मोबाइल ऐप के माध्यम से संचालित होती है। उपयोगकर्ता इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर या एप्पल ऐप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। ऐप में पंजीकरण के बाद यूज़र संबंधित स्टेशन पर स्लॉट बुक कर सकते हैं। एक बार स्लॉट कन्फर्म होते ही, वाहन को चार्जिंग पॉइंट से जोड़कर कुछ ही मिनटों में आवश्यक चार्ज प्राप्त किया जा सकता है। ऐप में रीयल-टाइम चार्जिंग मॉनिटरिंग, भुगतान और चार्जिंग हिस्ट्री जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जो उपयोगकर्ताओं के अनुभव को पूरी तरह डिजिटल और सुविधाजनक बनाती हैं।

एनसीआरटीसी की इस पहल को केवल एक चार्जिंग सुविधा के रूप में नहीं देखा जा सकता

एनसीआरटीसी की इस पहल को केवल एक चार्जिंग सुविधा के रूप में नहीं देखा जा सकता, बल्कि यह पूरे क्षेत्र को स्वच्छ ऊर्जा और सतत विकास के मार्ग पर ले जाने की एक रणनीतिक शुरुआत है। यह कदम न केवल नमो भारत के यात्रियों के लिए सुविधा लाता है, बल्कि स्टेशन से जुड़े आस-पास के निवासियों को भी इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। इससे पारंपरिक ईंधनों पर निर्भरता कम होगी और पर्यावरण प्रदूषण में भी उल्लेखनीय गिरावट आएगी।

NCRTC का दृष्टिकोण स्पष्ट है स्मार्ट, हरित और सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क की दिशा में निर्णायक कदम। यही कारण है कि कॉरिडोर के सभी एलिवेटेड स्टेशनों और डिपो पर सोलर प्लांट लगाने की प्रक्रिया भी तेज़ी से जारी है। एनसीआरटीसी की योजना है कि कॉरिडोर की कुल ऊर्जा आवश्यकताओं का 70 प्रतिशत भाग सौर ऊर्जा से पूरा किया जाए, जिससे लगभग 11 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन संभव होगा।

इन ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना से यह भी संकेत मिलता है कि NCRTC अपने कॉरिडोर को सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट रूट नहीं, बल्कि स्मार्ट मोबिलिटी और एनवायरनमेंट-फ्रेंडली इन्फ्रास्ट्रक्चर का आदर्श मॉडल बनाना चाहता है। आने वाले समय में कॉरिडोर के अन्य स्टेशनों पर भी इसी प्रकार की सुविधाओं के विस्तार की योजना है, जिससे दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लाखों नागरिकों को ई-वाहन अपनाने में अतिरिक्त सुविधा और भरोसा मिलेगा।

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