ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)
औद्योगिक विकास की रफ्तार को नई ऊर्जा देने के उद्देश्य से यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) की एक अहम बैठक का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ने की। बैठक में एसीएस उद्योग प्रमोद कुमार उपाध्याय, प्राधिकरण के सीईओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में औद्योगिक, फिल्म, चिकित्सा, इलेक्ट्रॉनिक्स, डेटा और लॉजिस्टिक्स सेक्टर की दर्जनों परियोजनाओं की समीक्षा की गई और आगामी कार्ययोजनाओं को अंतिम रूप दिया गया।
280 परियोजनाओं पर भूमि आवंटन, 132000 रोजगार सृजन की संभावना
बैठक के दौरान बताया गया कि अब तक 45148.41 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों वाली कुल 280 औद्योगिक परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन किया जा चुका है, जो कुल उपलब्ध औद्योगिक भूमि का 103.19 प्रतिशत है। इनसे लगभग 1.32 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। मंत्री ने निर्देश दिया कि आवंटन की प्राथमिकता स्पष्ट हो, निर्माण शुरू न करने वाली इकाइयों की समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई की जाए और डीपीआर आधारित कार्य को ही आगे बढ़ाया जाए।
इंटरनेशनल फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइसेस पार्क और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग हब पर तेज़ी
सेक्टर-21 में इंटरनेशनल फिल्म सिटी का प्रथम चरण शुरू हो चुका है, जिसके तहत 1095 दिनों में निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है। मेडिकल डिवाइसेस पार्क में 225 एकड़ में 89 यूनिट्स को भूमि आवंटन हो चुका है, जिनमें से 85 प्रतिशत इकाइयों ने निर्माण कार्य आरंभ कर दिया है। वहीं, सेक्टर-10 में भारत सरकार के सहयोग से लगभग 2064 करोड़ रुपये की लागत से इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC 2.0) की स्थापना की जा रही है, जिससे 9000 से अधिक रोजगार सृजन की उम्मीद है।
कॉनडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और डेटा सेंटर पर निवेशकों की नजरhttps://rashtriyashikhar.com/discussion-focused-on-between-ai-and-humanity/
प्राधिकरण क्षेत्र में भारत की पहली सेमीकंडक्टर कॉनडक्टर यूनिट स्थापित होने जा रही है, जिसे टाटा समूह की सहयोगी कंपनियों द्वारा सेक्टर-28 में 448 एकड़ में विकसित किया जाएगा। साथ ही, डेटा सेंटर पार्क के लिए 2 कंपनियों ने भूमि की मांग की है, जबकि एक नया हाई-टेक पार्क विकसित करने का प्रस्ताव भी रखा गया है। स्मार्ट विलेज योजना के अंतर्गत 123 गांवों में अवस्थापना विकास की कार्ययोजना बनाई गई है। हेरिटेज सेंटर हेतु भी मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। तालाबों को संरक्षित करने के लिए जीओटैक्स्टाइल से घेरने और सौंदर्यीकरण का निर्देश दिया गया है।
गौशालाओं में चिकित्सा और पोषण की व्यवस्था पर ज़ोर
बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित की जा रही गौशालाओं में स्वच्छता, चारे और चिकित्सा सुविधाओं की नियमित मॉनिटरिंग पर विशेष ज़ोर दिया गया। मंत्री ने कहा कि गौशालाओं में बीमार पशुओं के लिए विशेष उपचार केन्द्र बनाए जाएं। मंत्री ने प्राधिकरण के ऑनलाइन मैप अप्रूवल सिस्टम की समीक्षा की और उसमें आवश्यक संशोधन कर उपयोगकर्ता अनुकूल बनाने के निर्देश दिए। हर माह न्यूनतम 990 ऑनलाइन और 25 फिजिकल अनुमति जारी करने का लक्ष्य तय किया गया।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि प्राधिकरण द्वारा चल रहे हर प्रोजेक्ट की नियमित समीक्षा की जाए और नीतिगत ढंग से कार्य सुनिश्चित किया जाए। अंत में प्राधिकरण के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इस गति को बनाए रखते हुए और पारदर्शिता से आगे बढ़ना होगा। यह बैठक न केवल प्राधिकरण के लिए दिशा तय करने वाली साबित हुई, बल्कि उत्तर प्रदेश के औद्योगिक मानचित्र पर यमुना प्राधिकरण की चमक और तेज़ करने की दिशा में निर्णायक कदम के रूप में देखी जा रही है।