नई दिल्ली (शिखर समाचार) एनसीआरटीसी द्वारा आयोजित नमो भारत शॉर्ट-फिल्म मेकिंग प्रतियोगिता के विजेताओं की मंगलवार, 5 अगस्त को औपचारिक घोषणा की गई, जिसमें देशभर के युवाओं ने फिल्म के ज़रिए भारत की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन को कलात्मकता और विचारशील दृष्टिकोण से प्रस्तुत कर नई सिनेमाई भाषा गढ़ी।
नमो भारत शॉर्ट फिल्म प्रतियोगिता की सफलता और सहभागिता
दिसंबर 2024 में इस प्रतियोगिता का आगाज़ हुआ था, जिसमें कॉलेज विद्यार्थियों से लेकर स्वतंत्र फिल्मकारों और डिजिटल क्रिएटर्स को आमंत्रित किया गया था कि वे नमो भारत को एक विषय नहीं, बल्कि एक पात्र के रूप में अपनी कहानियों में पिरोएँ। लक्ष्य था यात्रा, तकनीक और समाज के बदलते स्वरूप को परदे पर इस तरह उतारना कि दर्शक उससे जुड़ाव महसूस करें।
इस रचनात्मक आह्वान को ज़बरदस्त प्रतिक्रिया मिली। पूरे देश से 300 से ज़्यादा क्रिएटर्स ने पूछताछ की, जिनमें से 83 ने अपनी कहानियाँ भेजीं। चयन प्रक्रिया के बाद 30 टीमों को नमो भारत स्टेशनों और अत्याधुनिक ट्रेनों में वास्तविक शूटिंग का मौका मिला। इन शॉर्ट फिल्मों में जहां तकनीकी finesse दिखा, वहीं सिनेमाई कल्पनाशीलता भी काबिले-गौर रही।
एनसीआरटीसी की बहु-स्तरीय समीक्षा और पुरस्कार वितरण
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एनसीआरटीसी ने इन फिल्मों का मूल्यांकन बहु-स्तरीय समीक्षा प्रक्रिया से करवाया, जिसमें अंतिम निर्णय फिल्म उद्योग के प्रतिष्ठित जानकारों की स्वतंत्र जूरी ने लिया। फिल्मों को उनके कथानक, मौलिक दृष्टिकोण, नमो भारत की कथानक में अंतःस्थापना और समग्र प्रभाव के आधार पर आंका गया।
टॉप तीन विजेताओं को क्रमशः 1.5 लाख, 1 लाख और 50 हजार की नकद राशि प्रदान की गई। एनसीआरटीसी ने बताया कि इन विजयी फिल्मों को आने वाले समय में अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित किया जा सकता है, जिससे अधिक से अधिक लोग इन युवा दृष्टिकोणों से रूबरू हो सकें।
नमो भारत परियोजना: गति से संस्कृति की ओर
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20 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई नमो भारत परियोजना अब केवल एक तेज़ ट्रेन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और रचनात्मक अभिव्यक्ति का माध्यम भी बन चुकी है। इस फिल्म प्रतियोगिता के ज़रिए यह साबित हो गया कि नमो भारत जनता के दिलों में एक सजीव पात्र की तरह जगह बना रही है।
एनसीआरटीसी अब अधिक फिल्म निर्माताओं के लिए अपने स्टेशनों और ट्रेनों में शूटिंग की अनुमति निर्धारित शुल्क पर दे रहा है। इससे जुड़ी विस्तृत नीति एनसीआरटीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। भारत की यह हाई-स्पीड रेल प्रणाली न केवल गति और सुविधा की प्रतीक है, बल्कि अपने वास्तुशिल्प सौंदर्य और आधुनिक डिजाइन के कारण एक दृश्यात्मक सौंदर्यबोध भी रचती है, जो फिल्म निर्माण की दुनिया के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
