ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को बेंगलुरु में भारत की शीर्ष स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ रणनीतिक निवेश बैठकें कीं। उद्देश्य था उत्तर प्रदेश में विकसित किए जा रहे मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए वैश्विक स्तर के विनिर्माण निवेश लाना।
मेडिकल डिवाइस पार्क की ताकत प्रदर्शित, अग्रणी कंपनियों के सामने यीडा प्रतिनिधिमंडल की रणनीतिक प्रस्तुति
प्रतिनिधिमंडल में शैलेंद्र कुमार भाटिया (ओएसडी/नोडल अधिकारी, यीडा) तथा प्रवीन कुमार मित्तल (कार्यकारी निदेशक, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर मेडिकल डिवाइसेज) शामिल रहे। टीम ने विप्रो जीई हेल्थकेयर, फिलिप्स इंडिया जैसी अग्रणी कंपनियों के सामने मेडिकल डिवाइस पार्क की रणनीतिक ताकत, मजबूत इकोसिस्टम और बहु-मोडल कनेक्टिविटी को विस्तार से प्रस्तुत किया।
बेंगलुरु में प्रतिनिधिमंडल की शुरुआत विप्रो जीई हेल्थकेयर के प्रमुख चैतन्य सरवटे से बैठक के साथ हुई। राकेश कुमार सिंह की प्रस्तुति को कंपनी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और पार्क में संभावित निवेश अवसरों पर गहन चर्चा हुई। यीडा टीम ने एक्स-रे ट्यूब निर्माण इकाई का दौरा करते हुए तकनीकी उत्पादन प्रक्रियाओं को समझा और पार्क में विकसित होने वाली कॉमन वैज्ञानिक सुविधाओं को लेकर सहयोग का आग्रह किया।
फिलिप्स इनोवेशन सेंटर में निवेश वार्ता, यूपी में मेडिकल डिवाइस पार्क को बढ़ावा
इसके बाद टीम ने फिलिप्स इनोवेशन सेंटर का दौरा किया, जहां अरविंद वैश्णव और हरीश के साथ विस्तृत वार्ता हुई। प्रतिनिधिमंडल ने मेडिकल डिवाइस पार्क की पूरी संभावनाएँ बताईं और फिलिप्स से उत्तर प्रदेश में निवेश पर विचार करने का औपचारिक अनुरोध किया। कंपनी ने प्रस्ताव को संज्ञान में लिया और आगे बातचीत जारी रखने पर सहमति दी।
प्रतिनिधिमंडल की यह निवेश यात्रा मंगलवार को भी जारी रहेगी, जिसमें पैनासिया मेडिकल टेक्नोलॉजीज का दौरा शामिल है। यहां टीम कंपनी के नेतृत्व से मुलाकात कर मेडिकल डिवाइस पार्क में उत्पादन इकाइयों के लिए उपलब्ध लाभों और अवसरों पर चर्चा करेगी।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम, यूपी में मेडिकल डिवाइस पार्क से मेडटेक हब की ओर
यीडा के मेडिकल डिवाइस पार्क को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के तहत उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा उपकरणों के घरेलू निर्माण को बढ़ाने, आयात निर्भरता घटाने और उत्तर प्रदेश को वैश्विक मेडटेक हब के रूप में स्थापित करने की बड़ी पहल माना जा रहा है।
मेडिकल डिवाइस पार्क का विकास यीडा के सेक्टर-28 में 350 एकड़ में तेजी से आगे बढ़ रहा है। परियोजना सरकार द्वारा अनुमोदित है और कुल 439.49 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही है, जिसमें 100 करोड़ रुपये का केंद्रीय अनुदान शामिल है। अब तक 90 प्रतिशत बुनियादी ढांचा तैयार हो चुका है और लगभग 50 प्रतिशत भूमि का आवंटन हो चुका है। 101 प्लॉट उद्योगों को दिए जा चुके हैं, जबकि कई निवेशक निर्माण शुरू कर चुके हैं। कुल 1291 करोड़ रुपये का निवेश जमीन पर उतर चुका है।
रणनीतिक लोकेशन का बड़ा फायदा, नोएडा हवाईअड्डे के पास मेडिकल डिवाइस पार्क
पार्क की सबसे बड़ी ताकत उसकी रणनीतिक स्थिति है नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी, एक्सप्रेसवे, प्रस्तावित रेल कनेक्टिविटी और पूरे एनसीआर से सीधा जुड़ाव इसे देश का सबसे सुलभ चिकित्सा उपकरण निर्माण क्षेत्र बनाता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ पार्क में कॉमन साइंटिफिक फैसिलिटीज, बायो-मैटेरियल टेस्टिंग, इलेक्ट्रॉनिक असेंबली लैब, रैपिड प्रोटोटाइपिंग लैब, आईओएमटी और एआईएमएल सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, एक केंद्र उत्कृष्टता, केंद्रीय गोदाम और प्रशासनिक भवन भी पार्क की संरचना का हिस्सा हैं।

सरकार द्वारा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बेहद प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं सब्सिडी वाली जमीन, स्टाम्प ड्यूटी से पूर्ण छूट, एसजीएसटी रिइम्बर्समेंट और ब्याज अनुदान जैसी सुविधाएँ उद्योगों को बड़ा आर्थिक लाभ देती हैं।
पार्क रेडियोलॉजी, इमेजिंग, न्यूक्लियर मेडिसिन, कैंसर केयर उपकरण, आईवीडी, इम्प्लांट, कार्डियो-रेस्पिरेटरी और रीनल केयर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश को लक्ष्य बना रहा है। यीडा का यह निवेश अभियान उत्तर प्रदेश को वैश्विक मेडटेक निर्माण के नए केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।
