महिला आयोग की जनसुनवाई में महिलाओं की गुहार बनी प्राथमिकता, त्वरित कार्रवाई के निर्देश

राष्ट्रीय शिखर
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Women's plea became a priority

हापुड़ (शिखर समाचार) महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग लगातार संवेदनशील रुख अपनाए हुए है। इसी क्रम में 25 जून को महिला आयोग की सदस्य मनीषा अहलावत की अध्यक्षता में हापुड़ स्थित सिंचाई विभाग गेस्ट हाउस में एक विशेष जनसुनवाई शिविर का आयोजन किया गया। इस जनसुनवाई के दौरान जनपद की 10 ऐसी महिलाएं सामने आईं, जो घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, शारीरिक मारपीट और पारिवारिक उपेक्षा जैसी मानसिक व शारीरिक प्रताड़नाओं का सामना कर रही थीं।

महिला आयोग महिलाओं को अकेला नहीं छोड़ेगा

शिकायतों को गंभीरता से सुनते हुए मनीषा अहलावत ने प्रत्येक महिला की समस्या पर संवेदनशील रुख अपनाया और संबंधित थानों के प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिया कि बिना किसी देरी के मामले की जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि पीड़िताओं को जल्द राहत मिल सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि महिला आयोग महिलाओं को अकेला नहीं छोड़ेगा, हर पीड़िता की लड़ाई को प्राथमिकता के साथ लड़ा जाएगा।

जनसुनवाई में हापुड़ तहसीलदार, महिला थाना प्रभारी, मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से आए प्रतिनिधि, जिला कार्यक्रम अधिकारी के प्रतिनिधि, जिला प्रोबेशन अधिकारी और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। सभी को आयोग की ओर से निर्देशित किया गया कि प्राप्त शिकायती पत्रों का निस्तारण तात्कालिक स्तर पर सुनिश्चित किया जाए, और यदि आवश्यक हो तो पीड़िताओं को चिकित्सकीय, कानूनी व मानसिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाए।

जनसुनवाई कार्यक्रम के पश्चात महिला आयोग सदस्य मनीषा अहलावत ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हापुड़

जनसुनवाई कार्यक्रम के पश्चात महिला आयोग सदस्य मनीषा अहलावत ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हापुड़ का निरीक्षण भी किया, जहां उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का जायजा लिया और महिला कल्याण से जुड़े प्रावधानों की उपलब्धता की समीक्षा की। इस निरीक्षण के दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी हापुड़ के साथ जिला कार्यालय से पंकज यादव कनिष्ठ सहायक, अमित, मनीष संरक्षण अधिकारी, हुमा चौधरी सामाजिक कार्यकर्ता, रोहित सिंह आउटरीच कार्यकर्ता, सोनिया प्रभारी वन स्टॉप सेंटर समेत कई अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

इस पूरी कार्यवाही ने स्पष्ट कर दिया कि राज्य महिला आयोग महिला सुरक्षा को लेकर न केवल सजग है, बल्कि जमीनी स्तर पर सक्रिय होकर ठोस कदम उठा रहा है। आयोग की यह पहल न केवल पीड़िताओं में विश्वास जगाती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाली हर महिला के साथ शासन-प्रशासन खड़ा है।

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