नई दिल्ली (शिखर समाचार)।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर महिला-पुरुष समानता, समावेशी नेतृत्व और स्थायी शांति की राह में लगातार योगदान देता रहेगा। वे मानेकशॉ सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महिला सैन्य अधिकारी पाठ्यक्रम-2025 में शामिल 15 देशों और भारत की महिला अधिकारियों से रूबरू हो रहे थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त राष्ट्र महिला सैन्य अधिकारी पाठ्यक्रम-2025 में वैश्विक महिला नेतृत्व और शांति की भूमिका पर ज़ोर दिया
करीब दो सप्ताह चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिला सैन्य अधिकारियों को संयुक्त राष्ट्र के बहुआयामी शांति अभियानों में प्रभावी भूमिका निभाने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसमें आर्मेनिया, कांगो, मिस्र, आइवरी कोस्ट, केन्या, किर्गिस्तान, लाइबेरिया, मलेशिया, मोरक्को, नेपाल, सिएरा लियोन, श्रीलंका, तंजानिया, उरुग्वे और वियतनाम सहित भारत की 12 महिला अधिकारी और पांच प्रशिक्षु हिस्सा ले रही हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत न केवल संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों का सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, बल्कि महिला अधिकारियों की भागीदारी बढ़ाने का भी प्रबल पक्षधर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि महिला अधिकारी शांति अभियानों को मानवीय दृष्टिकोण, संवेदनशीलता और नई सोच के साथ और भी प्रभावी बनाती हैं। वे स्थानीय समुदायों, खासकर महिलाओं और बच्चों के साथ विश्वास कायम कर सकारात्मक बदलाव की राह खोलती हैं।
भारत में महिला सैन्य अधिकारियों को समान अवसर और नेतृत्व की दिशा में सशक्त पहल: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
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उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपनी सेनाओं और शांति सैनिक टुकड़ियों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नीतियों को सशक्त कर रहा है, ताकि उन्हें नेतृत्व और सेवा के समान अवसर मिल सकें।
इस मौके पर रक्षा मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र जर्नल 2025 ब्लू हेलमेट ओडिसी: 75 इयर्स ऑफ इंडियन पीसकीपिंग का प्लैटिनम जुबली संस्करण भी जारी किया। उन्होंने कहा कि “जैसे आकाश सभी को सुरक्षा का एहसास कराता है और महासागर सीमाओं से परे संबंध बनाते हैं, वैसे ही संयुक्त राष्ट्र के नीले हेलमेट वाले शांति सैनिक वैश्विक स्तर पर भरोसा और सहयोग की डोर जोड़ते हैं।

पाठ्यक्रम में महिला अधिकारियों को नागरिक सुरक्षा, मानवीय कानून, शरणार्थियों और विस्थापितों के अधिकार, अनुशासन एवं आचरण, यौन हिंसा की रोकथाम और बाल संरक्षण जैसे विषयों पर विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भारतीय सेना द्वारा संयुक्त राष्ट्र नामित बटालियन के माध्यम से फील्ड प्रदर्शन भी कार्यक्रम का हिस्सा रहेगा।