ग्रेटर नोएडा में जल संरक्षण की नई दिशा : अब कासना से एच्छर तक एसटीपी का पानी देगा हरियाली और उद्योगों को सहारा

Rashtriya Shikhar
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New Direction for Water Conservation in Greater Noida IMAGE CREDIT TO GREATER NOIDA AUTHORITY

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)
भूजल को तेजी से गिरते स्तर से बचाने और शहर को सतत विकास की राह पर आगे बढ़ाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक और ठोस कदम उठा लिया है। सीईओ एन.जी. रवि कुमार की पहल पर और एसीईओ प्रेरणा सिंह की निगरानी में जल-सीवर विभाग ने कासना एसटीपी से लेकर एच्छर तक लगभग 12 किलोमीटर लंबी ट्रीटेड वॉटर डिस्ट्रीब्यूशन लाइन तैयार कर दी है। इस लाइन के चालू होते ही पार्कों, ग्रीन बेल्ट और औद्योगिक इकाइयों की पानी की जरूरत अब सीधे एसटीपी से निकलने वाले शोधित पानी से पूरी होगी।

भूजल बचाने की पहल: पार्कों और ग्रीन बेल्ट की सिंचाई अब सीधे शोधित पानी से होगी

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वरिष्ठ प्रबंधक (जल) राजेश कुमार ने बताया कि अब तक इस पूरे क्षेत्र की सिंचाई के लिए भूजल का उपयोग करना पड़ रहा था। लेकिन नई व्यवस्था शुरू होते ही पार्कों और ग्रीन बेल्ट में सिंचाई के लिए सीधे कनेक्शन दिए जाएंगे, जिससे हरियाली को बनाए रखने के लिए भूजल पर निर्भरता खत्म हो जाएगी।

औद्योगिक इकाइयों को भी मिलेगा शोधित पानी

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यही नहीं आसपास स्थित ईकोटेक-1 एक्सटेंशन और अन्य औद्योगिक इकाइयों की पानी की मांग भी इसी शोधित पानी से पूरी की जाएगी। उद्योगों को आवश्यकता के अनुसार छोटी पाइप लाइन डालकर कनेक्शन मुहैया कराया जाएगा, ताकि उत्पादन कार्यों के लिए उन्हें बिना रुकावट पर्याप्त जल उपलब्ध हो सके। प्राधिकरण का मानना है कि यह कदम न केवल भूजल की बचत करेगा बल्कि शहर को स्वच्छ और पर्यावरण संतुलन की दिशा में भी नई ताकत देगा। इस पहल से पार्कों की हरियाली और उद्योगों की जरूरत एक साथ पूरी होगी, जो भविष्य में जल संकट से निपटने की दिशा में उदाहरण साबित हो सकती है।

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