गाजियाबाद (शिखर समाचार)
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बुधवार को पहल पोर्टल की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों की सुस्त कार्यशैली पर तीखी नाराजगी जाहिर की। उपाध्यक्ष ने साफ शब्दों में कहा कि पहल पोर्टल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर आवंटी को बिना कार्यालय आए सुविधाएं ऑनलाइन मिलें, लेकिन मौजूदा हालात इसके ठीक उलट नजर आ रहे हैं।
31,991 में सिर्फ 34 फाइलों का निस्तारण, उपाध्यक्ष ने जताई नाराजगी
बैठक के दौरान जब बिल्डिंग सेक्शन में तैनात 11 लिपिकों के प्रदर्शन की रिपोर्ट सामने रखी गई, तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। कुल 31,991 लंबित फाइलों में से मात्र 34 का निस्तारण किया गया था, जिसे देख उपाध्यक्ष वत्स ने नाराजगी जताते हुए अधीनस्थ अधिकारियों और लिपिकों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने दो टूक कहा कि लक्ष्य केवल कागजों में पूरे न दिखें, बल्कि जमीनी हकीकत में भी प्रगति हो।
प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रत्येक लिपिक और इंचार्ज के पास फाइलों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पहल पोर्टल के ज़रिए अधिक से अधिक आवंटी जोड़ने का प्रयास हो, ताकि आमजन को कार्यालय के चक्कर न काटने पड़ें और योजनाओं का लाभ समय पर और पारदर्शी तरीके से मिल सके। उपाध्यक्ष ने यह भी निर्देशित किया कि पोर्टल से जुड़ी शिकायतों का फीडबैक समय-समय पर लिया जाए और समस्याओं का समाधान शीघ्र हो।
लिपिकों का औचक टेस्ट, प्रदर्शन के आधार पर होगा कार्य विभाजन
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समीक्षा के दौरान उपाध्यक्ष वत्स ने औचक रूप से उपस्थित सभी लिपिकों का टैस्ट भी लिया। उन्हें समाचार पत्रों की कटिंग पढ़ने और उस पर संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया। इस टेस्ट के आधार पर ही भविष्य में कार्य विभाजन किया जाएगा। बैठक के अंत में पहल पोर्टल पर बेहतर कार्य करने वाले एक लिपिक को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया, वहीं कुछ अन्य लिपिकों के पटल परिवर्तन के आदेश भी जारी किए गए।
इसके साथ ही उपाध्यक्ष ने लीज पर आवंटित संपत्तियों को लेकर भी अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसी सभी संपत्तियों की लीज समाप्ति से कम से कम छह माह पहले संबंधित आवंटी को सूचना दी जानी चाहिए, ताकि समय पर लीज नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी हो सके। यदि कोई प्रकरण लीज अवधि समाप्त होने के बाद सामने आता है, तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित लिपिक की मानी जाएगी और उस पर कार्रवाई तय होगी।
पहल पोर्टल पर निगरानी होगी सख्त, जवाबदेही और सम्मान दोनों तय
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बैठक के दौरान उपाध्यक्ष ने संकेत दिए कि अब पहल पोर्टल पर काम की निगरानी और अधिक सख्त की जाएगी। हर लापरवाही पर जवाबदेही तय की जाएगी और हर अच्छा कार्य सम्मानित होगा। उन्होंने अंत में दोहराया कि यह पोर्टल केवल एक तकनीकी व्यवस्था नहीं, बल्कि आवंटियों के विश्वास का माध्यम है, जिसकी गुणवत्ता और गति में कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा।
