नई दिल्ली (शिखर समाचार) देश की अग्रणी प्राकृतिक संसाधन कंपनी वेदांता ग्रुप ने वित्तीय वर्ष 2025 में कर्मचारियों के लिए अब तक का सबसे बड़ा एम्प्लॉयी स्टॉक ऑप्शन्स प्रोग्राम लागू कर कॉर्पोरेट दुनिया में नई मिसाल कायम कर दी है। कंपनी ने 450 करोड़ रुपये से अधिक की इस भव्य योजना के जरिये अपने कर्मचारियों को न केवल आर्थिक अवसर दिया है बल्कि उन्हें कंपनी की सफलता में साझेदार भी बनाया है।
वेदांता की लोकतांत्रिक स्टॉक ऑप्शन योजना
जहां आमतौर पर स्टॉक ऑप्शन्स का लाभ सिर्फ शीर्ष प्रबंधन या वरिष्ठ अधिकारियों तक सीमित होता है, वहीं वेदांता ने अपने दृष्टिकोण को पूरी तरह से समावेशी बनाते हुए इस योजना का दायरा फ्रेशर्स से लेकर प्लांट साइट इंजीनियरों तक हर स्तर के कर्मचारी तक फैला दिया है। यही कारण है कि इस स्कीम को कॉर्पोरेट भारत की सबसे लोकतांत्रिक स्टॉक ऑप्शन पॉलिसियों में गिना जा रहा है।
पिछले पांच वर्षों में वेदांता में इक्विटी अवॉर्ड्स में 80 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। खास बात यह है कि कर्मचारी नाममात्र कीमत सिर्फ एक रुपये में कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं। यह न सिर्फ उनके प्रदर्शन को प्रोत्साहित करता है, बल्कि उन्हें दीर्घकालिक संपत्ति सृजन का अवसर भी देता है। योजना का दायरा 20 वर्षों तक फैला है, जो कर्मचारियों और कंपनी के बीच भरोसे और निष्ठा के रिश्ते को और मजबूत बनाता है।
वेदांता की स्टॉक ऑप्शन योजना से कर्मचारियों के सपनों को मिली उड़ान
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वेदांता की इस पहल से कर्मचारियों का जीवन बदलता हुआ नजर आ रहा है। बाल्को में कार्यरत एचआर प्रोफेशनल मुकेश शराफ बताते हैं कि स्टॉक ऑप्शन्स ने उन्हें अपने परिवार के लिए घर बनाने का सपना पूरा करने में मदद की। कैयर्न ऑयल एंड गैस, बाड़मेर के प्रोजेक्ट सेफ्टी लीड शिवम कुमार कहते हैं कि इस स्कीम से उन्होंने अपने छोटे भाई को देश के शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई कराने का अवसर दिया। झरसुगुड़ा स्थित वेदांता एलुमिनियम की मैनेजमेंट हेड ममता भगत बताती हैं कि उन्होंने इस योजना की मदद से जमीन खरीदी और परिवार का भविष्य सुरक्षित किया। वहीं कैयर्न ऑयल एंड गैस की लीगल डिप्टी जनरल काउंसल नेहा गुहा मानती हैं कि यह स्कीम उनके बच्चे की शिक्षा के लिए भरोसे की नींव बन गई है।
कंपनी के संस्थापक और चेयरमैन अनिल अग्रवाल का मानना है कि महिलाओं और युवाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना ही संगठन की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। वेदांता की यह नीति उसी दृष्टि का प्रतिबिंब है, जिसमें हर कर्मचारी को कंपनी की तरक्की में बराबर की हिस्सेदारी दी जा रही है। 450 करोड़ की इस अनूठी स्कीम ने न केवल कर्मचारियों के जीवन को नई दिशा दी है बल्कि पूरे कॉर्पोरेट जगत को यह संदेश भी दिया है कि पारंपरिक उद्योग भी अपने जनबल को विश्वास, प्रेरणा और दीर्घकालिक साझेदारी के जरिये सफलता का असली भागीदार बना सकते हैं।