ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)। उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 में इस बार प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं ने पूरे मंच पर छा जाने वाला प्रभाव डाला। आठ साल पहले बीमारू राज्य के नाम से पहचाने जाने वाला उत्तर प्रदेश अब अपने सशक्त स्वास्थ्य ढांचे और प्रभावशाली योजनाओं के लिए देश ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन गया है। ट्रेड शो के हाल नंबर चार के स्टॉल 9 पर स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज़) ने प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए सुधारों, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को प्रदर्शित किया।
सेवा, समर्पण और संकल्प: आयुष्मान भारत में उत्तर प्रदेश की अग्रणी छलांग
इस दौरान विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्यों से आए प्रतिनिधि स्टॉल पर रुके और राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को समझने में व्यस्त नजर आए। उन्होंने इस बात पर खास ध्यान दिया कि किस तरह उत्तर प्रदेश ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के जरिए गरीब और वंचित परिवारों को लाभान्वित किया और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को व्यापक बनाया। प्रदर्शनी में यह भी बताया गया कि अब तक लगभग 9 करोड़ लक्षित लाभार्थियों में से 5.38 करोड़ लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं, जिससे उत्तर प्रदेश पूरे देश में इस योजना में सबसे आगे है।
साचीज़ की सीईओ अर्चना वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी नीतियों और सक्रिय नेतृत्व के कारण ही प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में यह उल्लेखनीय बदलाव संभव हो पाया है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्डधारकों को न केवल मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है। योजना के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा बढ़ा है और गरीब परिवारों को आर्थिक बोझ से मुक्ति मिली है।
स्वस्थ प्रदेश, समृद्ध निवेश: उत्तर प्रदेश बना हेल्थ सेक्टर में नए अवसरों का केंद्र
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प्रदर्शनी में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और साचीज़ की टीम ने निवेशकों को प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश के अवसरों से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश अब निवेशकों के लिए एक आकर्षक केंद्र बन गया है, जहां अस्पताल, चिकित्सा उपकरण निर्माण और औषधि उद्योग में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। राज्य में स्वास्थ्य अवसंरचना का सुदृढ़ीकरण न केवल नागरिकों को लाभ पहुंचा रहा है, बल्कि निवेशकों के लिए भी नए रास्ते खोल रहा है।
इस अवसर पर राज्य के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डायरेक्टर डीजीएमआईएस, नोडल अधिकारी साचीज़, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलाव न केवल सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ा रहे हैं, बल्कि पूरे क्षेत्र को निवेश और विकास के लिए सक्षम बना रहे हैं।
आयुष्मान क्रांति से निवेश की उड़ान तक: उत्तर प्रदेश का हेल्थ मॉडल बना नई उम्मीद
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उत्तर प्रदेश में अब लगभग 87 प्रतिशत पात्र परिवारों में कम से कम एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड बन चुका है। यह आंकड़ा यह स्पष्ट करता है कि योगी सरकार की नीतियों ने गरीब और वंचित वर्ग को सीधे लाभ पहुंचाया है। प्रदर्शनी में दिखाया गया कि राज्य में स्वास्थ्य सुधार केवल सेवाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह प्रदेश को एक निवेश फ्रेंडली और विश्वसनीय स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में भी स्थापित कर रहा है।
उत्तर प्रदेश अब न केवल एक मॉडल स्वास्थ्य राज्य के रूप में स्थापित हो चुका है, बल्कि यह निवेशकों और अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरक उदाहरण बन गया है। आयुष्मान भारत योजना और राज्य सरकार की प्रभावी नीतियों ने यह सुनिश्चित किया कि स्वास्थ्य सेवा हर नागरिक तक पहुंचे और निवेशकों के लिए नए अवसर उत्पन्न हों।
