हापुड़ (शिखर समाचार)
पापड़ नगरी हापुड़ की सड़कों पर जाम का संकट लगातार गहराता जा रहा है। शहर को जाम से राहत दिलाने के उद्देश्य से हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण और पुलिस विभाग की ओर से मुख्य चौराहों पर लाखों रुपये खर्च कर लगाई गई ट्रैफिक लाइटें अब अपनी ही बदहाली का रोना रो रही हैं। कई लाइटें खंभों से गायब हो चुकी हैं, जबकि अधिकांश जर्जर अवस्था में पहुंचकर कबाड़ बनने की कगार पर खड़ी हैं। नतीजतन, शहर के बड़े चौराहों पर हर दिन भीषण जाम लगता है और लोग घंटों फंसे रहने को मजबूर हैं।
सड़क सुरक्षा पर जोर, पर ट्रैफिक लाइटें बेहाल—यही है जमीनी हकीकत
यातायात एवं सड़क सुरक्षा माह प्रतिवर्ष पूरे जोर-शोर से मनाया जाता है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन चालकों को नियमों के पालन के लिए जागरूक करने का अभियान भी चलाया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि उन्हीं नियमों को लागू कराने वाले साधन यानी ट्रैफिक लाइटें ही बुरी तरह उपेक्षा का शिकार हैं।
शहर के मेरठ तिराहा, तहसील चौराहा और पक्का बाग चौराहा ये वे स्थान हैं जहाँ करीब एक दशक पहले प्राधिकरण ने लाखों रुपये खर्च कर आधुनिक ट्रैफिक लाइट सिस्टम लगवाया था। कुछ महीने तक ये लाइटें सुचारू रूप से चलीं भी, लेकिन उसके बाद तकनीकी खराबी और देखरेख के अभाव ने इन्हें निष्प्रभावी कर दिया। समय के साथ लाइटों के पोल जंग खा गए, कई लाइटें टूटकर सड़क पर गिर गयीं और कुछ पूरी तरह उखाड़ ली गईं। इस उपेक्षा के कारण प्रदेश सरकार को लाखों रुपये का नुकसान भी हो चुका है।
जाम ने बिगाड़ी रफ्तार
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इन लाइटों के खराब होने का सीधा असर शहर के यातायात पर पड़ा है। नियमों के अभाव में चौराहों पर वाहनों की अव्यवस्थित आवाजाही होती है, जिससे सुबह और शाम के समय जाम की स्थिति गंभीर हो जाती है। घंटों तक फंसे रहने के चलते लोगों का समय और ऊर्जा तो बर्बाद होती ही है, साथ ही लाखों लीटर पेट्रोल-डीजल की भी अनावश्यक खपत हो रही है।
अधिकारियों की अनदेखी पर सवालट्रैफिक माह खत्म, अव्यवस्था जस की तस
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यातायात माह की गतिविधियाँ हर साल शुरू होती हैं और खत्म भी, लेकिन पूरे शहर में खंभों पर लटकी, टूटी और बंद पड़ी ट्रैफिक लाइटों की ओर किसी भी अधिकारी की नजर नहीं जाती। कई जगह तो इन लाइटों को पक्षियों ने अपना बसेरा बना लिया है। यह स्थिति न केवल अव्यवस्था का प्रतीक है, बल्कि प्रशासन की उदासीनता पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है।
जनता की मांग है कि जाम से निजात और शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए जल्द से जल्द इन ट्रैफिक लाइटों की मरम्मत कराई जाए या नए उपकरण लगाए जाएँ, ताकि शहर फिर से व्यवस्थित यातायात के रास्ते पर लौट सके।
