गाजियाबाद (शिखर समाचार)।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने नेहरू नगर सेकंड की तीन अलग-अलग इमारतों में चल रही अवैध व्यवसायिक गतिविधियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए भवनों को सील कर दिया है। यह कदम प्राधिकरण उपाध्यक्ष अतुल वत्स के सख्त आदेशों और प्रवर्तन जोन-4 की अगुवाई में उठाया गया, जहां नियमों की अनदेखी कर आवासीय भूखण्डों को व्यवसायिक धंधों का केंद्र बना दिया गया था।
आवासीय क्षेत्रों में अवैध व्यवसाय पर प्राधिकरण की सख़्त कार्रवाई
अपर सचिव प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि पहली कार्रवाई भूखण्ड संख्या ए-43 पर की गई, जहां भू-स्वामी हनी राय और बीनू राय ने सैलून प्लश नाम से व्यवसाय आरंभ किया था। यह कार्य आवासीय क्षेत्र में अनुमति के विरुद्ध किया गया था। पूर्व में अवर अभियंता द्वारा रिपोर्ट दर्ज कर सीलिंग की प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी, लेकिन मालिकों ने न तो कोई उत्तर दिया और न ही सैलून बंद किया। प्राधिकरण ने स्पष्ट उल्लंघन मानते हुए निर्माण को पूरी तरह सील कर दिया।
दूसरा मामला भूखण्ड संख्या ए-55 का है, जहां अतुल मित्तल व अरुण मित्तल ने व्यवसायिक कार्य बंद करने की शपथ के बाद सील हटवाई थी। शर्त थी कि भवन को केवल आवासीय उपयोग में लाया जाएगा। लेकिन मौके पर शटर जस का तस मिला और भवन का स्वरूप भी बदला नहीं गया। इस धोखाधड़ी पर प्राधिकरण ने दोबारा सील ठोक दी।
बिना स्वीकृति निर्माण पर कार्रवाई, प्राधिकरण ने फिर की सख़्ती
तीसरी कार्यवाही भूखण्ड संख्या ए-59 को लेकर हुई, जहां बिना स्वीकृत मानचित्र के निर्माण कार्य चल रहा था। मालिक अरुण कुमार ने लिखित में आश्वासन दिया था कि कोई नियमविरुद्ध निर्माण नहीं होगा, फिर भी जमीनी हकीकत कुछ और निकली। मानचित्र के विरुद्ध संरचना खड़ी कर दी गई थी, जिसमें नियमानुसार सेटबैक भी कवर किया गया। लिहाजा इस इमारत पर भी ताला जड़ दिया गया।
प्रवर्तन जोन-4 की टीम, सहायक अभियंता और प्राधिकरण के पुलिस बल की मौजूदगी में यह कार्रवाई शांतिपूर्ण ढंग से अंजाम दी गई। प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि नियमों के विरुद्ध कोई भी निर्माण या व्यवसायिक गतिविधि अब नहीं चलने दी जाएगी। अगले माह भी ऐसी सख्त कार्रवाइयों का सिलसिला जारी रहेगा।

कानून तोड़ने वालों के लिए अब सिर्फ नोटिस नहीं, सील और ध्वस्तीकरण ही जवाब होगा।