हापुड़/मोदीनगर (शिखर समाचार)
गाजियाबाद जनपद के मोदीनगर क्षेत्र में उच्च शिक्षा का परिदृश्य एक नया मोड़ ले चुका है। लंबे इंतजार के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने डॉ. के.एन. मोदी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च ट्रस्ट को विश्वविद्यालय संचालन की औपचारिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस स्वीकृति के साथ ही डॉ. के.एन. मोदी विश्वविद्यालय की स्थापना हो गई है, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का नया केन्द्र मिलने जा रहा है।
लखनऊ में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने सौंपा संचालन प्राधिकरण पत्र
गत 23 जुलाई 2025 को लखनऊ में आयोजित एक औपचारिक कार्यक्रम में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर (डॉ.) डी.के. मोदी को संचालन प्राधिकरण पत्र सौंपा। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) पी.एन. हृषीकेश सहित ट्रस्ट के न्यासी संजय गुप्ता, अतुल सिंह, कैप्टन राजीव सक्सेना, यू.एन. मिश्रा, मेघराज शर्मा और विभिन्न संस्थानों के निदेशक एवं वरिष्ठ प्राध्यापक उपस्थित रहे। समारोह के दौरान पूरे परिसर में हर्ष और उत्साह का माहौल देखने को मिला।
कुलाधिपति प्रो. (डॉ.) डी.के. मोदी ने इस अवसर को विश्वविद्यालय के सुनहरे भविष्य की दिशा में ऐतिहासिक पड़ाव करार दिया। उन्होंने कहा कि 2025-26 शैक्षणिक सत्र से फार्मेसी, इंजीनियरिंग, प्रबंधन और विज्ञान जैसे विविध क्षेत्रों में अध्ययन कार्यक्रम आरंभ किए जाएंगे। उनका मानना है कि विश्वविद्यालय न केवल विद्यार्थियों को नवीनतम शैक्षणिक अवसर उपलब्ध कराएगा बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी भी बनाएगा।
कुलपति प्रो. (डॉ.) पी.एन. हृषीकेश ने साझा की विश्वविद्यालय की भविष्यवाणी
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कुलपति प्रो. (डॉ.) पी.एन. हृषीकेश ने विश्वविद्यालय की रूपरेखा और भावी योजनाओं को साझा करते हुए कहा कि संस्थान को विश्व पटल पर पहचान दिलाना उनका संकल्प है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय ने आईबीएम जैसी अग्रणी कंपनी के साथ उद्योग-शिक्षा सहयोग स्थापित किया है, जिससे विद्यार्थियों को व्यावहारिक और उद्योगोन्मुख कौशल विकसित करने का अवसर मिलेगा।
स्थानीय शिक्षा जगत से लेकर उद्योग जगत तक इस पहल को अत्यंत सराहनीय कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि डॉ. के.एन. मोदी विश्वविद्यालय की स्थापना से न केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता और रोजगारपरकता को नया आयाम मिलेगा।