अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर Dehradun में शिविरों की गूंज, पैदल मार्च से दी पर्यावरण संरक्षण की सीख

Rashtriya Shikhar
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On International Youth Day, the echo of camps resonated in Dehradun IMAGE CREDIT TO INFORMATION DEPARTMENT

देहरादून। अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर मंगलवार को जिला देहरादून में जागरूकता और प्रेरणा का माहौल नजर आया, जब उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के दिशा-निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून ने अलग-अलग स्थानों पर विशेष कार्यक्रमों और शिविरों का आयोजन किया। इन शिविरों में प्राविधिक कार्यकर्ताओं ने युवाओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करते हुए यह संदेश दिया कि एक शिक्षित, सशक्त और जागरूक युवा ही समाज के हर क्षेत्र चाहे शिक्षा, विज्ञान, खेल, राजनीति या सामाजिक सेवा हो में बदलाव का सूत्रधार बन सकता है।

युवा तभी सशक्त जब निभाएं जिम्मेदारी: नशे से दूर, पर्यावरण और डिजिटल विवेक पर जोर

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शिविरों में यह भी रेखांकित किया गया कि युवा सिर्फ अधिकार पाने वाले नहीं, बल्कि जिम्मेदारी निभाने वाले भी हैं। नशे से दूरी, समय का सार्थक उपयोग, डिजिटल साधनों का विवेकपूर्ण इस्तेमाल और पर्यावरण की रक्षा जैसे विषयों पर विशेष रूप से जोर दिया गया। युवाओं को प्रेरित किया गया कि वे अपनी ऊर्जा और क्षमता को समाज और राष्ट्र के हित में लगाएं।

जिला न्यायाधीश का पैदल मार्च: पर्यावरण संरक्षण और सतत जीवनशैली के लिए मिसाल

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इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सीमा डुंगराकोटी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर जिला न्यायाधीश देहरादून प्रेम सिंह खिमाल ने एक प्रेरणादायक पहल करते हुए अपने आवास से जिला न्यायालय भवन तक अपने स्टाफ और कर्मचारियों के साथ पैदल मार्च किया। उनके इस कदम से यह स्पष्ट संदेश गया कि कॉर्बन उत्सर्जन, वायु और ध्वनि प्रदूषण को घटाना तथा सतत जीवनशैली को अपनाना समय की मांग है। न्यायिक अधिकारियों और न्यायालय कर्मियों की यह भागीदारी युवाओं के लिए एक मिसाल बनी।

न्यायपालिका से आम जनता तक: युवाओं के भविष्य के लिए एकजुट होकर बनाएंगे सशक्त और संवेदनशील भारत

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दिनभर चले इस आयोजन ने यह साबित किया कि जब न्यायपालिका, प्रशासन और आम जनता एकजुट होकर युवाओं के भविष्य के लिए प्रयास करें, तो न केवल समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव है, बल्कि एक न्यायपूर्ण, पर्यावरण-संवेदनशील और सशक्त भारत की दिशा में ठोस कदम भी बढ़ाए जा सकते हैं।

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