नई दिल्ली (शिखर समाचार) सोयाबीन की लहलहाती फसलें अचानक मुरझा जाएं तो किसान के माथे पर चिंता की लकीरें आना स्वाभाविक है। ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के कई जिलों से सामने आया, जहाँ क्लोरिम्यूरॉन एथिल 25% WP नामक हर्बिसाइड ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया।
घटिया हर्बिसाइड से तबाह हुई सोयाबीन फसल, केंद्र सरकार सख्त—दोषी कंपनी पर FIR, स्टॉक की बिक्री पर रोक, किसानों को मिला न्याय का भरोसा
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान तक शिकायतें पहुँचीं तो उन्होंने मामले को हल्के में नहीं लिया। उनके निर्देश पर कृषि विभाग की टीमें हरकत में आईं और बाजार से नमूने उठाकर जांच कराई। नतीजा चौंकाने वाला निकला यह हर्बिसाइड घटिया गुणवत्ता का पाया गया, जिसने हजारों एकड़ में बोई गई सोयाबीन की फसल को चौपट कर दिया।
सरकार ने तुरंत मोर्चा संभाला। विदिशा (ग्रामीण), देवास (कन्नौद) और धार (बदनावर) जिलों में दोषी कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। वहीं जिन डीलरों ने यह खराब दवा किसानों तक पहुँचाई, उनके लाइसेंस निलंबित कर दिए गए। इतना ही नहीं, कंपनी के बचे हुए स्टॉक की बिक्री पर भी तत्काल रोक लगा दी गई है।
किसानों की उपज से खिलवाड़ पर केंद्र का बड़ा एक्शन, मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिए छापेमारी और लाइसेंस निलंबन के निर्देश
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शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट कहा है कि किसानों की मेहनत और उनकी उपज से समझौता करने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने राज्यों को निर्देश दिया है कि जब तक सभी रिपोर्ट साफ साफ सामने न आ जाएं, कंपनी का विनिर्माण लाइसेंस निलंबित रखा जाए। इसके साथ ही पूरे देश में आकस्मिक छापामारी अभियान चलाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है।
मंत्री ने किसानों से अपील की है कि वे फिलहाल क्लोरिम्यूरॉन एथिल 25% WP (बैच संख्या KE-04) का इस्तेमाल न करें, ताकि और नुकसान से बचा जा सके। उन्होंने भरोसा दिलाया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाएगी और किसानों को हर हाल में न्याय दिलाया जाएगा।