नई दिल्ली (शिखर समाचार)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सोमवार को हुई टेलीफोनिक बातचीत ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के परिदृश्य में नई हलचल पैदा कर दी। राष्ट्रपति पुतिन ने इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ अलास्का में हुई अपनी हालिया मुलाकात का ब्यौरा दिया और वैश्विक परिदृश्य पर अपने विचार साझा किए।
PM मोदी का शांति संदेश: दुनिया को चाहिए वार्ता, नहीं युद्ध
प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को ध्यानपूर्वक सुनते हुए भारत की पुरानी प्रतिबद्धता दोहराई कि दुनिया में किसी भी प्रकार के तनाव या संघर्ष का समाधान केवल संवाद और शांतिपूर्ण वार्ता से ही संभव है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत हर उस प्रयास का समर्थन करेगा, जो संघर्ष को बातचीत की मेज पर लाकर समाप्त करने की दिशा में उठाया जाएगा।
भारत-रूस साझेदारी में नया अध्याय: रक्षा से ऊर्जा तक बढ़ेगा सहयोग
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बातचीत केवल अंतरराष्ट्रीय हालात तक सीमित नहीं रही, बल्कि दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच दशकों पुरानी विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और आगे बढ़ाने के लिए ठोस कदमों पर चर्चा की। ऊर्जा, रक्षा, व्यापार, विज्ञान और तकनीकी समेत कई अहम क्षेत्रों में सहयोग को नए मुकाम तक ले जाने के लिए दोनों पक्षों की सहमति बनी।
बदलते विश्व में भारत-रूस की दोस्ती अडिग: हर मुद्दे पर रहेगा密 संपर्क और सहयोग
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वार्ता के दौरान यह भी तय किया गया कि बदलते वैश्विक समीकरणों के बीच भारत और रूस एक-दूसरे से लगातार संपर्क में रहेंगे और हर अहम मुद्दे पर करीबी परामर्श करते रहेंगे। इस बातचीत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भारत और रूस की साझेदारी न केवल मजबूत है, बल्कि समय के साथ और प्रगाढ़ होती जा रही है।