ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)
जब नीति बनती है तो कागज़ पर आंकड़े दिखते हैं, मगर ज़मीनी हकीकत में मासूम भविष्य दांव पर लग जाता है। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों के एकीकरण की नीति के खिलाफ उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, गौतम बुद्ध नगर ने सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि एक जागरूकता अभियान की शुरुआत की है संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ।
शिक्षा बचाओ – गांव बचाओ’ मिशन में शिक्षक संघ की पहल, प्रदर्शन नहीं संवाद से जोड़ा ग्रामीणों का दिल
मंडल अध्यक्ष मेघराज भाटी और जिला अध्यक्ष प्रवीण शर्मा के निर्देशन में शिक्षक संघ ने शिक्षा बचाओ – गांव बचाओ मिशन को आंदोलन नहीं, बल्कि संवाद का स्वरूप दिया। इस पहल के तहत ब्लॉक जेवर के अध्यक्ष हेमराज शर्मा, मंत्री रोदास सिंह और पर्यवेक्षक दीवान सिंह ने ग्राम सदोता और बनवारीवास का रुख किया, वहीं ब्लॉक दनकौर अध्यक्ष सतीश पीलवान, मंत्री रामकुमार शर्मा और पर्यवेक्षक बलेराम नागर ग्राम बागपुर पहुंचे।
यह कोई प्रदर्शन नहीं था, यह था एक मिशन जिसमें शिक्षक बनें समाज के सच्चे मार्गदर्शक। वे न केवल ग्रामीणों और अभिभावकों से मिले, बल्कि स्कूल प्रबंधन समिति से मिलकर जमीनी दर्द को साझा किया। संवाद के माध्यम से उन्होंने समझाया कि स्कूल बंद होने से सिर्फ इमारत नहीं बंद होती, गांव का उजाला भी मंद पड़ जाता है।
शिक्षक: सिर्फ शिक्षक नहीं, बदलाव की भावना के वाहक — ‘शिक्षा बचाओ’ अभियान बनेगा आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल
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इस मुहिम ने यह जता दिया कि शिक्षक केवल अध्यापक नहीं, एक विचारधारा हैं जो बच्चों के सपनों की रखवाली करते हैं। उनके कदमों की आहट अब हर गांव तक पहुंच रही है और यह विश्वास भी कि जब शिक्षक आगे बढ़ते हैं, तब बदलाव की शुरुआत होती है।
यह सिर्फ एक अभियान नहीं, आने वाले समय में शिक्षा को बचाने की बुनियाद साबित होगा एक ऐसा प्रयास, जो आज़ भी याद रखा जाएगा जब आने वाली पीढ़ियां अपने गांव के स्कूल में पहला अक्षर पढ़ेंगी।
