हापुड़ (शिखर समाचार) दीवान इंटर कॉलेज के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने प्रधानाचार्य डॉ. मनोज कुमार के मार्गदर्शन में नरौरा स्थित परमाणु विद्युत उत्पादन केंद्र का शैक्षिक भ्रमण किया। इस अध्ययन यात्रा का उद्देश्य विद्यार्थियों को ऊर्जा उत्पादन की आधुनिक एवं वैज्ञानिक प्रक्रिया से प्रत्यक्ष रूप से परिचित कराना रहा।
भ्रमण के दौरान शिक्षकों व विद्यार्थियों ने परमाणु विद्युत केंद्र के भीतर विद्युत उत्पादन की संपूर्ण तकनीकी प्रक्रिया को विस्तार से समझा। विशेषज्ञों ने बताया कि यह उत्तर प्रदेश का प्रथम एवं एकमात्र परमाणु विद्युत गृह है, जो बुलंदशहर जनपद के नरौरा क्षेत्र में गंगा नदी के तट पर स्थापित है। गंगा नदी के समीप इसकी स्थापना का प्रमुख कारण विद्युत उत्पादन के लिए जल की निरंतर एवं निर्बाध उपलब्धता है। यहां परमाणु ऊर्जा के माध्यम से जल को गर्म कर भाप तैयार की जाती है, भाप से टरबाइन संचालित होती है और टरबाइन के घूमने से विद्युत का उत्पादन होता है। ऊर्जा संरक्षण को ध्यान में रखते हुए उपयोग के बाद बची भाप को ठंडा कर पुनः जल में परिवर्तित कर दिया जाता है, जिससे यह प्रक्रिया सतत रूप से चलती रहती है।
परमाणु सुरक्षा का प्रत्यक्ष पाठ: उच्च तकनीक, सतर्कता और विश्वास का अनुभव
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प्रधानाचार्य डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि इस अवसर पर केंद्र के तकनीकी विशेषज्ञों ने सुरक्षा व्यवस्था की भी जानकारी दी। उन्होंने समझाया कि युद्धकाल जैसी आपात परिस्थितियों में परमाणु विद्युत गृह संवेदनशील लक्ष्य बन सकते हैं, ऐसे में किसी संभावित हवाई हमले की आशंका होने पर परमाणु ईंधन को तत्काल शीतल अवस्था में ले जाया जाता है, जिससे किसी भी प्रकार के विकिरण से जनसामान्य को सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण और उच्च तकनीक से युक्त विद्युत गृह का भ्रमण विद्यालय परिवार के लिए ज्ञानवर्धक और अविस्मरणीय अनुभव रहा।
इस शैक्षिक भ्रमण में उपप्रधानाचार्य डॉ. ऋषिपाल सिंह, महेश कुमार, अजीत कुमार राय, डॉ. संजीव कुमार, मनोज कुमार, दीपाली शर्मा, सुनील कुमार, रीनू तोमर सहित अन्य शिक्षक एवं शिक्षिकाएं भी उपस्थित रहीं।
