नई दिल्ली/पटना (शिखर समाचार)। बिहार में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए साफ कर दिया है कि मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज मान्य होंगे। अदालत ने यह भी कहा कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र की बुनियादी आत्मा से जुड़ी है, क्योंकि इससे नागरिकों का मतदान अधिकार सीधा प्रभावित होता है।
अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि आयोग के पास मतदाता सूची में संशोधन
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने निर्वाचन आयोग से तीखे सवाल पूछते हुए जानना चाहा कि आखिर मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया शुरू करने में इतनी देर क्यों हुई। हालांकि अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि आयोग के पास मतदाता सूची में संशोधन और पुनरीक्षण का पूरा अधिकार है।
इस बीच अदालत ने चुनाव आयोग से तीन बिंदुओं पर जवाब मांगा है क्या मतदाता सूची संशोधन करने का अधिकार उसके पास है, प्रक्रिया कितनी पारदर्शी और उचित है, और पुनरीक्षण की समयसीमा क्या तय की गई है। इस पूरे मामले में अगली सुनवाई अब 28 जुलाई को निर्धारित की गई है। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि जिन नागरिकों के पास पासपोर्ट या जन्म प्रमाण पत्र नहीं हैं, उनके लिए यह निर्णय राहत देने वाला है, क्योंकि अब वे आधार कार्ड, राशन कार्ड या वोटर आईडी जैसे आम प्रचलित दस्तावेजों से भी मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकेंगे।
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इस फैसले को लोकतंत्र के लिए राहत करार दिया
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राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इस फैसले को लोकतंत्र के लिए राहत करार दिया और कहा कि यह निर्णय उन लोगों को मुख्यधारा में लाएगा, जो दस्तावेजों की कमी के कारण अब तक छूटे हुए थे। वहीं भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रवासी मजदूरों और बिहार से बाहर रहने वाले लाखों लोगों को फॉर्म भरने और दस्तावेज़ जमा करने में अभी भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
फिलहाल अदालत का यह निर्देश बिहार के उन करोड़ों नागरिकों के लिए बड़ी राहत बनकर सामने आया है जो किसी न किसी कारणवश मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज नहीं करवा पा रहे थे। अब देखना होगा कि 28 जुलाई की अगली सुनवाई में चुनाव आयोग क्या जवाब देता है और प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने की दिशा में क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।