मेरठ (शिखर समाचार) साइबर अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने और ठगी के शिकार लोगों को शीघ्र राहत दिलाने के उद्देश्य से मेरठ परिक्षेत्र में व्यापक स्तर पर कार्रवाई की गई है। उप महानिरीक्षक मेरठ रेंज कलानिधि नैथानी के निर्देशन में परिक्षेत्र के चारों जनपदों मेरठ, बुलंदशहर, बागपत और हापुड़ में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज शिकायतों की गहन समीक्षा कर ठोस कदम उठाए गए। इसके परिणामस्वरूप बीते नौ माह की अवधि में हजारों शिकायतों का निस्तारण किया गया और अपराधियों की गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाई गई।
साइबर ठगी पर कड़ा प्रहार: 2001 मोबाइल नंबर और 259 उपकरण ब्लॉक कर ठगी के रास्ते किए बंद
पुलिस के अनुसार एक अप्रैल 2025 से सात दिसंबर 2025 के बीच साइबर ठगी से जुड़े मामलों में कुल 2001 मोबाइल नंबरों को बंद कराया गया। इनमें सबसे अधिक 785 नंबर मेरठ में, 777 बुलंदशहर में, 153 बागपत में तथा 286 हापुड़ में निष्क्रिय किए गए। इसके साथ ही अपराध में प्रयुक्त 259 मोबाइल यंत्रों की अंतरराष्ट्रीय पहचान संख्या को भी अवरुद्ध कराया गया, जिससे इन उपकरणों का दोबारा उपयोग संभव न हो सके।
संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी रखने वाले प्रतिबिंब पोर्टल पर सामने आए 761 मोबाइल नंबरों के विरुद्ध भी कार्रवाई की गई। वहीं साइबर ठगी में प्रयुक्त तथाकथित म्यूल बैंक खातों पर विशेष ध्यान देते हुए कुल 1286 ऐसे खातों की पहचान की गई, जिनमें से 290 खातों को तत्काल डेबिट से रोका गया। इन खातों में मौजूद लगभग दस करोड़ पचास लाख रुपये की धनराशि को रोककर सुरक्षित किया गया, ताकि पीड़ितों को वापस दिलाने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके।
आर्थिक अपराधों पर सख्ती: 90 मामलों में अभियोग दर्ज, 7805 शिकायतों का समय पर निस्तारण
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गंभीर आर्थिक अपराधों के मामलों में भी सख्ती बरती गई। पांच लाख रुपये या उससे अधिक की ठगी से जुड़े 90 प्रकरणों में अभियोग पंजीकृत किए गए। साथ ही राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज 7805 शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण किया गया, जिससे पीड़ितों को राहत मिली।
साइबर अपराध की रोकथाम केवल कार्रवाई तक सीमित न रहे, इसके लिए जनजागरूकता पर भी विशेष जोर दिया गया। परिक्षेत्र में कुल 1814 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर आम नागरिकों, छात्रों और बुजुर्गों को संदिग्ध कॉल, फर्जी ऋण, डिजिटल गिरफ्तारी, धोखाधड़ी वाले अनुप्रयोग और अन्य ऑनलाइन ठगी के तरीकों से बचाव के उपाय बताए गए। उप महानिरीक्षक द्वारा सभी थानों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्येक शिकायत की नियमित निगरानी की जाए, म्यूल खातों पर त्वरित कानूनी कार्रवाई हो, ठगी की धनराशि को अधिक से अधिक वापस दिलाने का प्रयास किया जाए तथा प्रत्येक माह स्कूलों, बस अड्डों और गांवों में जाकर साइबर सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की साइबर ठगी की स्थिति में तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल या हेल्पलाइन संख्या 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
