गाजियाबाद (शिखर समाचार)|
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने सोमवार को प्रवर्तन अनुभाग के अधिकारियों के साथ अहम बैठक की। बैठक में अनाधिकृत कालोनियों, निजी बिल्डरों की ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं और अन्य विकास कार्यों पर कड़े निर्देश दिए गए।
अनाधिकृत कालोनियों पर सख्त कार्रवाई
बैठक के दौरान यह तय किया गया कि अनाधिकृत कालोनियों में अब रजिस्ट्री रोकने के लिए निबंधक को पत्र भेजकर सहयोग लिया जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए विद्युत विभाग, नगर निगम और अन्य संबंधित संस्थाओं को भी पत्र प्रेषित किए जाएंगे।
निजी बिल्डरों के प्रोजेक्ट्स की समीक्षा में पाया गया कि कई विकासकर्ताओं ने निर्धारित संख्या के अनुसार ईडब्लूएस और एलआईजी भवनों का निर्माण नहीं किया है। ऐसे बिल्डरों पर शिकंजा कसने और सख़्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
सील इमारतों पर कड़ी निगरानी और आईजीआरएस मामलों की गुणवत्ता जांच
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बैठक में पुलिस अभिरक्षा में सील की गई इमारतों पर भी कड़ी निगरानी रखने और पुलिस विभाग से समन्वय कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया। प्राधिकरण में आईजीआरएस का दायित्व देख रहे ओएसडी को रोजाना कम से कम पाँच आईजीआरएस मामलों की गुणवत्ता जाँच करने के निर्देश भी दिए गए।
साथ ही, मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में इंदिरापुरम स्थित कैलाश मानसरोवर भवन के हस्तांतरण से जुड़े एमओयू पर विस्तार से चर्चा की गई। वहीं रोडवेज बस अड्डे के आधुनिकीकरण पर काम कर रही निजी फर्म के साथ रेवेन्यू शेयरिंग का अध्ययन कर शासन को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि जब निजी फर्म बस अड्डे के साथ-साथ वाणिज्यिक भवन का निर्माण कर आर्थिक लाभ कमाएगी, तो विकास प्राधिकरण की वित्तीय हिस्सेदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।