Journalism को बनाएं समाधान और संवाद का माध्यम: Prof. Sanjay Dwivedi

Rashtriya Shikhar
4 Min Read
Make journalism a medium of solutions and dialogue IMAGE CREDIT TO RACHI UNIVERSITY

रांची (शिखर समाचार)भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने कहा है कि भारतीय संचार परंपरा संवाद को लोकमंगल और संकटों के समाधान का माध्यम मानती है, जबकि पश्चिमी पत्रकारिता टकराव और वितंडावाद को बढ़ावा देती है। हमें पत्रकारिता को विवाद से नहीं, संवाद से जोड़ना होगा ताकि मीडिया जनकल्याण की दिशा में सार्थक भूमिका निभा सके। वे रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के पूर्व विद्यार्थियों के संगठन जोसारू द्वारा आयोजित स्पंदन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विभाग के 38 वर्षों की यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यहां से निकले कई पत्रकार देशभर में नाम कमा रहे हैं। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे टकराव नहीं, समन्वय की भाषा बोलें और पत्रकारिता को समाज में सकारात्मक बदलाव का औजार बनाएं।

झारखंड मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने मीडिया की भूमिका पर जोर दिया: जनहित के मुद्दों को उजागर करना जरूरी

ALSO READ:https://www.aajtak.in/uttar-pradesh/story/ghaziabad-fake-embassy-case-300-crore-scam-micronation-westarctica-162-foreign-trips-harshvardhan-jain-ntc-rptc-2297268-2025-07-27

कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखंड के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने की। उन्होंने कहा कि मीडिया को सिर्फ सूचनाएं देने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि समाज, सरकार और प्रशासनिक तंत्र पर पैनी नजर रखते हुए जनहित के मुद्दों को सामने लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में जहां आज भी महिलाएं खून की कमी और बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं, वहां मीडिया की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। राधा कृष्ण किशोर ने इस बात पर जोर दिया कि पत्रकारिता जनचेतना जगाने का सबसे सशक्त माध्यम है।

प्रो. ऋता शुक्ल ने पत्रकारिता विश्वविद्यालय बनाने की वकालत की; कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्तियों ने विचार साझा किए

ALSO READ:https://rashtriyashikhar.com/authority-vice-chairman-inspected-city-forest/

साहित्यकार प्रो. ऋता शुक्ल ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय का यह विभाग भले ही एक छोटे से कमरे से शुरू हुआ हो, लेकिन आज यह राष्ट्रीय पहचान बना चुका है। उन्होंने सुझाव दिया कि अब समय आ गया है कि इसे पत्रकारिता विश्वविद्यालय का रूप दिया जाए ताकि मीडिया शिक्षा को और व्यापक बनाया जा सके। कार्यक्रम में श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति अंजनी कुमार मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार अनुज सिन्हा, पत्रकारिता संस्थान के निदेशक वसंत झा, उपनिदेशक डॉ. विष्णु महतो सहित कई गणमान्य अतिथियों ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की शुरुआत जोसारू अध्यक्ष चंदन मिश्र के स्वागत भाषण से हुई जबकि संचालन सुधीर पाल ने किया।

स्पंदन कार्यक्रम में पूर्व टॉपर्स का सम्मान, रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजी शाम

ALSO READ:https://rashtriyashikhar.com/committee-to-submit-fire-report-in-5-days/

स्पंदन कार्यक्रम में बीते वर्षों के टॉपर्स और विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य करने वाले पूर्व विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। साथ ही रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने आयोजन को जीवंत बना दिया। इस अवसर पर संजय खंडेलवाल, अजय कुकरेती, डॉ. भीम प्रभाकर, अविनाश कुमार, प्रणव कुमार बब्बू, अभिषेक शास्त्री, मोमिता, गौरी सहित बड़ी संख्या में पूर्व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम ने संवाद, सम्मान और सहयोग की भावना के साथ मीडिया की दिशा और दशा पर सकारात्मक विमर्श की जमीन तैयार की।

Share This Article
Leave a comment